हर साल 8 मार्च को महिलाओं के संघर्षों को मद्दे नजर रखते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. आज का दिन खास कर महिलाओं के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता और क्यों ना हो. आज चारों तरफ गूंज महिलाओं के विकास, आत्मसम्मान और उनकी मेहनत भरे कर्मों की कि जाती है.
इस दिन दफ्तरों, स्कूल, सरकारी संस्थानों और खास कर कॉर्पोरेट में महिला दिवस का चलन काफी बढ़ गया है. अधिकतर लोगों का यह सोचना है की महिलाओं को पुरुष से आगे या फिर पुरषों को महिलाओं से आगे होना चाहिए.
लेकिन किसी के आगे या पीछे होने से चीजें कभी संतुलित या फिर स्थिर नही होतीं. इसलिए जरूरी है की हम समाज में बराबरी को बनाए रखें और यही इस साल के महिला दिवस का मुख्य मकसद भी है. इसी कड़ी में पूरे विश्व में महिला दिवस बड़े गर्व के साथ मनाया जा रहा है. अपनी ख़ुशी और महिलाओं के प्रति सम्मान दिखाते हुए कृषि जागरण नें खास महिलाओं के लिए वेबिनार आयोजित किया. जिसका विषय था कृषि जागरण में काम करने का अनुभव और कृषि में महिलाओं का भविष्य क्या है?
आपको बता दूँ आज के समय में कृषि जागरण एक ऐसी मीडिया हाउस है जहाँ महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है.
इतना ही नहीं यहाँ हर काम में बराबरी की भागीदारी महिला और पुरुष कर्मचारियों की होती है. आज महिला दिवस के मौके पर कृषि जागरण की डायरेक्टर Mrs. Shiny Dominic ने इस वेबिनार का उद्घाटन करते हुए सभी महिला कर्मचारी को International women's day की बधाई देते हुए सभी से आगे बढ़ने की बात कही और कहा यहाँ की महिलाएं कृषि जागरण की आन-बाण और शान है और हमें इस बात पर गर्व है. आपको बता दें Mrs. Shiny Dominic पिछले 14 सालों से अपने आप को कृषि और एग्री-मीडिया को समर्पित कर दिया है. जहाँ पढ़ी लिखी महिलाएं कॉर्पोरेट या फिर मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करना चाहती हैं, वहीँ Shiny Dominic ने खुद को भारत के कृषि व्यवस्था और किसानों को बेहतर बनाने में अपना योगदान देती आ रही हैं.
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आज इस मौके पर कृषि जागरण की डायरेक्टर के साथ-साथ यहाँ पर काम रही महिला कर्मचारियों श्रुति निगम, आभा टोपो, मेघा शर्मा, कंचन मौर्या, सुगंध भटनागर, मनीषा शर्मा, ज्योति, वैशाली,इशु के साथ सभी अन्य सहयोगियों ने भी अपना अनुभव पूरी दुनिया के समक्ष रखा और यह दर्शाया की कृषि जागरण महिलाओं के लिए NO.1 है.
यहाँ महिलाएं सुरक्षित के साथ-साथ सबल हैं. इस कार्यक्रम को सुचालू रूप से चलाने का जिम्मा प्राची वत्स ने उठाया था.