देश में आलू का बुबाई सीजन शुरु होते ही पुराने आलू की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. इससे देखते हुए किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं. हालात इस कदर बदतर हो चले हैं कि किसान, आलू को सड़कों पर फेंकने को मजबूर है.
यूपी के आलू किसानों ने इस परेशानी से आजिज आकर तीन दिन की हड़ताल की है. उचित हल न मिलने की दशा में हड़ताल को आगे भी बढ़ाया जा सकता है.
दरअसल, आलू की खेती में लागत का खर्च बढ़ता जा रहा है. सिंचाई के लिए बिजली या डीज़ल पर तो भारी-भरकम रकम खर्च होती ही है साथ ही बड़ी मात्रा में खाद और उर्वरक का इस्तेमाल भी किया जाता है. जिनकी कीमतें भी आसमान पर पहुँच चुकी हैं. इस वर्ष भी सरकार ने यूरिया और डीएपी के दामों में इजाफा किया है. इसके इतर आलू की कीमतों में हमेशा से ही अनिश्चितता रही है जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है. गौरतलब है कि आलू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था नहीं है.
देश भर में आलू की खपत, अन्य सब्जियों से कहीं ज्यादा है और मुख्यतः मध्य और उत्तर भारत के राज्यों में इसकी पैदावार की जाती है. आलू की खेती में लागत के अलावा कोल्ड स्टोरेज में रखने का भी खर्च होता है.
लागत, कोल्ड स्टोरेज और पैकेट का किराया जोड़कर आलू की एक क्विंटल पर 1000 से 1200 रूपये का खर्च आता है. ऐसे में अगर इसके भाव 1000 रूपये प्रति क्विंटल से नीचे रहते हैं तो किसानों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं और मजबूरन उन्हें आलू को कोल्ड में छोड़ना पड़ता है या फिर भारी घाटे के साथ बेचना पड़ता है.
आगरा में आलू की गिरती कीमतों से परेशान किसान और व्यापारियों ने सोमवार से तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है. यहाँ से बाहर जाने वाले आलू की सप्लाई भी रोक दी गई है.
एक हिंदी दैनिक में छपी खबर के मुताबिक सैकड़ों ट्रक कोल्ड स्टोरेज में ही रोक दिए गए हैं और लोडिंग बंद कर दी गई है. शहर के खंदौली में किसानों ने पंचायत करके हड़ताल का निर्णय लिया है. हड़ताल को एक दो दिन के लिए और बढ़ाया जा सकता है
पंजाब-शिमला के आलू से संकट (Potato crisis in Punjab-Shimla)
बाजार में यूपी के पड़ौसी राज्य पंजाब, हरियाणा, हिमाचल से नए आलू की आवक शुरू हो चुकी है. ऐसे में ग्राहक पुराने की बजाय नए आलू को अधिक तवज्जो दे रहे हैं. नतीजतन पुराने आलू की बिक्री कम हो गई है. हिमाचल के पहाड़ी आलू की बाजार में सबसे अधिक मांग है. पश्चिम बंगाल व गुजरात में आलू की फसल अच्छी होने से भी यूपी के बाजार पर असर पड़ा है.