कहते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम होता है, क्योंकि हर गुजरते वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है. ठीक ऐसा ही कुछ आज कल कोरोना के साथ भी हो रहा है. पिछले एक साल में कोरोना काफी हद तक बदल चुका है. अब न महज वह लोगों को खौफजदा करना, बल्कि उन्हें चकमा देना भी सीख चुका है, जिसके चलते लगातार कोरोना का कहर विकराल होता जा रहा है.
कोरोना वायरस की चतुराई का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि अब उन सभी लोगों की रिपोर्ट भी नेगेटिव आ रही है, जिसमें कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं. ऐसे में लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वो करें, तो करे क्या? वो इस बात पर खुश होए कि उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है कि इस बात से दुखी होए कि उनके कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं. खैर, जो भी हो, लेकिन इस सब स्थितियों से यह तो साफ हो चुका है कि कोरोना पिछले एक साल में काफी चतुर हो चुका है.
हम ऐसा इसलिए लिख रहे हैं कि क्योंकि पिछले कुछ दिनों से लगातार ऐसे मामलों की भरमार होती जा रही है, जिनमे कोरोना के लक्षण दिखने के बावजूद भी उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है. ऐसी स्थिति में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, ताकि आपको कोरोना की सही-सही रिपोर्ट मिल सके.
कब कराएं टेस्ट
देखिए, जैसे ही आपके अंदर कोरोना के लक्षण परिलक्षित हो, आपको फौरन टेस्ट करा लेना चाहिए, नहीं तो आगे चलकर इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं. करोना के सामान्य लक्षणों में मुख्यत: बुखार, सर्दी, जुकाम, कमोजरी लगना शामिल है.
कब न कराएं टेस्ट
वहीं, अगर आपने वैक्सीन के दो डोज लिए हुए हैं, और आप में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं, तो ऐसे में आप टेस्ट मत कराइएगा, लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि अगर आपको वैक्सीन के दो डोज लिए दो सप्ताह से ज्यादा हो चुके हो, तब आपके साथ यह नियम लागू नहीं होता है अन्यथा आपको फौरन टेस्ट करा लेना होगा.
कब होता है संक्रमण का खतरा
यहां हम आपको बताते चले कि किसी भी व्यक्ति में संक्रमण का खतरा उस वक्त बढ़ जाता है, जब वह किसी भी संक्रमति व्यक्ति से तकरीबन 6 फुट की दूरी से कम 15 मिनट तक बात करता है, लिहाजा कोरोना के बढ़ते कहर को ध्यान में रखते हुए आपके लिए यह मुनासिब रहेगा कि आप कोरोना काल में जारी किए गए सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन करें.
कैसे हैं कोरोना के हालात
वहीं, अगर कोरोना के हालात की बात करें, विगत दिनों देश में 2 लाख से भी अधिक मामले सामने आए हैं. अकेले दिल्र्ली में 19 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इसके साथ ही देश के कई राज्यों के हालात लगातार विकराल होते जा रहे हैं, लिहाजा कोरोना के बढ़ते कहर पर विराम लगाने के लिए कहीं साप्ताहिक लॉकडाउन तो कहीं नाइट कर्फ्यू का सिलसिला शुरू हो चुका है. खैर, अब इन सबका कोरोना के कहर पर क्या कुछ असर पड़ता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.