दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज (Hansraj College, Delhi University) देश के प्रमुख कॉलेजों में से एक है. जहां शाहरुख खान, अनुराग कश्यप और दिवंगत पत्रकार विनोद दुआ सहित अपने पूर्व छात्रों के नाम से रोशन होने एक बाद एक बार फिर नयी नींव खड़ी की है. जी हां, इस कॉलेज ने स्वामी दयानंद सरस्वती गौ संवर्धन ईवम (Swami Dayanand Saraswati Gau Samardhan Evam) नामक एक गौ आश्रय का निर्माण किया है.
क्यों शुरू किया गौ संवर्धन केंद्र (Why did Gau Samvardhan Kendra started)
कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रमा शर्मा (College Principal Dr. Rama Sharma) का कहना है कि "कॉलेज गाय के विभिन्न पहलुओं पर शोध करने और अपने छात्रों को दूध और दही उपलब्ध कराने के लिए इसे और बनाने पर विचार कर रहा है". शर्मा के अनुसार कॉलेज हर महीने के पहले दिन हवन करता है और अनुष्ठान के लिए घी का उत्पादन करने के लिए आत्मनिर्भर है.
क्या है गौ संवर्धन के उद्देश्य (What is the purpose of Gau Samvardhan)
हंसराज कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ रमा ने कहा कि अनुसंधान केंद्र का पहला उद्देश्य गायों और उनके डेयरी उत्पादों से संबंधित अनुसंधान (Research related to cows and their dairy products) करना होगा. साथ ही दूसरा उद्देश्य छात्रों को इसके आसपास स्टार्ट-अप स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने का अवसर भी देना होगा.
गाय अनुसंधान केंद्र है पायलट प्रोजेक्ट (Cow Research Center is a pilot project)
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Hansraj College ने कहा कि वर्तमान गाय अनुसंधान केंद्र एक पायलट प्रोजेक्ट की तरह है. वे वर्तमान मॉडल के आउटपुट के आधार पर भविष्य का रोड मैप तैयार करेंगे.
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अनुसंधान केंद्र के लिए आवंटित बजट के बारे में पूछे जाने पर, डॉ रमा ने कहा कि “हमने अभी तक इस केंद्र के लिए कोई विशिष्ट बजट आवंटित नहीं किया है. यह एक पायलट प्रोजेक्ट है और हम मौजूदा मॉडल के आउटपुट के आधार पर ऐसे मुद्दों पर फैसला करेंगे.
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गाय के डेयरी उत्पादों और बायोमास (Cow's dairy products and biomass) पर वैज्ञानिक शोध कहां और कैसे करेंगे पूछे जाने पर डॉ गौरव ने कहा, “हंसराज कॉलेज में हमारे विज्ञान विभाग हैं. उन्हें दूध, घी सहित गौधन पर शोध अध्ययन करने के लिए शामिल किया जाएगा और प्रोत्साहित किया जाएगा".
हंसराज कॉलेज के गाय अनुसंधान केंद्र को लेकर उठा विवाद (Controversy arises over the Cow Research Center of Hansraj College)
कुछ खबरें ऐसी भी आ रहीं है कि प्रिंसिपल ने एकतरफा गोशाला बनाने का फैसला किया, और इस पर किसी भी शिक्षण या प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ चर्चा नहीं की गई है.
कॉलेज के ही एक सदस्य का कहना है कि "कर्मचारी परिषद में गोशाला निर्माण के मामले पर कभी चर्चा नहीं हुई है. इसलिए, यह उनकी निजी पसंद है. साथ ही यह परेशान करने वाला है कि कॉलेज ने हर दिशा में चार लाउडस्पीकर लगाए हैं जहां महामृत्युंजय मंत्र दिन-रात बजाया जाता है. वह इस निर्णय पर कैसे पहुंची, यह अभी भी ज्ञात नहीं है. कॉलेज ने महिला छात्रावास के ऊपर गौशाला के निर्माण को प्राथमिकता देकर छात्रों को विफल कर दिया है, भले ही मामला वर्षों से लंबित है".
इसी तरह के कई और भी बयान सामने आये हैं लेकिन इसपर किसी भी तरह की कोई चर्चा नहीं की जा रही है. साथ ही यह सब कुछ पूछे जाने पर हंसराज कॉलेज का प्रशासन इन सभी दावों को खारिज कर रहा है.