Peanut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 April, 2019 4:58 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के आज तीसरे चरण में 117 सीटों के लिए मतदान हो रहा है. इसके पहले 18 अप्रैल को दुसरे चरण का मतदान हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट भी शामिल थी. जहां पर इस बार भी विगत लोकसभा चुनाव के भांति इस बार भी भाजपा से उम्मीदवार बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी थी. इस चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें कई बार उन्हे किसानों साथ खेत में काम करते हुए भी देखा गया. ऐसा नहीं है यह पहली बार हुआ है इससे पहले भी नेता चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के साथ खेत में दिखाई पड़ जाते थे. मतलब सीधा है कि चुनाव प्रचार के दौरान किसान सभी राजनीतिक दलों के दुलारे हो जाते है. लेकिन अभी तो दुसरे चरण का चुनाव हुए तीन दिन ही हुए की किसान अब नेताओं का दुलारा नहीं रहा.

दरअसल पत्रिका में छपी एक खबर के मुताबिक, शनिवार को मथुरा के कोटवन बॉर्डर पर 100 से अधिक किसानों की पिटाई हुई. पिटाई हुई किसानों का बस इतना ही कसूर था कि वो अपनी फसल का अच्छा मूल्य पाने के लिए आनाज को पड़ोसी राज्य हरियाणा के मंडी में बेचने ले जा रहे थे. आनाज ले जाते समय 100 से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉलियों को रोक लिया गया इसके बाद जब किसानों में विरोध जताया तो पुलिस वालों ने किसानों को हड़काया और पिटाई भी कर दी. ऐसा होने के बाद भी कुछ किसान हरियाणा जाने के लिए अड़े रहे और कुछ किसान वापस चले गयें. ऐसा नहीं है कोटवन बॉर्डर पर किसानों के साथ ऐसा पहली बार हुआ है ऐसी स्थित प्रत्येक वर्ष किसानों के लिए पैदा होती है.

किसानों की माने तो हरियाणा में गेहूं की लेवी पर 1840 रूपये प्रति क्विंटल की दर से खरीददारी हो रही है. वहीं मथुरा में 1650 रूपये प्रति क्विंटल पर खरीददारी हो रही है. किसान कहते है उत्तर प्रदेश मंडीयों में जितने भी क्रय केंद्र है उन पर जमकर मनमानी हो रही है. कर्मचारियों द्वारा अलग-अलग बहाने के जरिए किसानों को लड़ाने का काम किया जा रहा है, मथुरा में अभी तक गेहूं की सरकारी खरी़द न शुरू होने के साथ ही मंडी व्यवस्था ठीक नहीं है. जब बरसात होती है, तो गेहूं भीग जाता है और मंडी समिति में पानी भर जाता है.इस समय मौसम खराब चल है, ऐसे में किसान होडल मंडी में गेहूं को सुरक्षित और जल्दी बेचना चाहते हैं.

English Summary: Why did the government not tell the farmers to sell wheat in Hariyana ?
Published on: 23 April 2019, 05:05 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now