प्याज की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव पिछले 9 दिनों से दिवाली के चलते बंद है. हालांकि, आज से मंडियां खुलने जा रही हैं और प्याज के साथ-साथ अन्य अनाज की भी नीलामी शुरू होने वाली है. मगर लगातार 9 दिनों से मंडियां बंद होने से प्याज उत्पादक किसानों को भारी नुकसान हुआ है. इसके बाद प्याज उत्पादक किसानों के सामने एक नई समस्या आ गई है.
दरअसल, देश में प्याज के बाजार भाव को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने नेफेड के जरिए दूसरे राज्यों से दो लाख 85 हजार मीट्रिक टन प्याज की खरीद की थी. इसमें से 1 लाख 15 हजार मीट्रिक टन प्याज बंपर स्टॉक से देश के खुले बाजार में लाने का फैसला किया गया है.
अफगानिस्तान और ईरान जैसे देशों से आए कुछ कंटेनर मुंबई के बाजारों में पहुंचेंगे. इसे लेकर महाराष्ट्र के किसान विरोध कर रहे हैं. प्याज की अच्छी कीमत मिलने पर केंद्र सरकार को विदेशों से प्याज आयात करने का फैसला बदलना चाहिए और किसानों के बारे में भी सोचना चाहिए.\
मंडियों के बंद होने से करोड़ों का नुकसान (Loss of crores due to closure of mandis)
पिछले 9 दिनों से प्याज और अनाज की नीलामी बंद है, जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है, तो मंडी समितियों के बंद होने से 200 से 250 करोड़ रुपये के कृषि सामान का लेन-देन ठप हो गया है. नासिक जिले में 25 से 30 करोड़ रुपये के कृषि अनाज की नीलामी के जरिए कारोबार होता है.
प्याज उत्पादक सरकार के फैसले का कर रहे विरोध (Onion producers are opposing the government's decision)
किसानों को कहना है कि हम कई महीनों तक कड़ी मेहनत करके प्याज की खेती का ख्याल रखते हैं, ताकि किसानों को सही दाम मिल सके. इन सब को नजरअंदाज करते हुए केंद्र सरकार ने आयात-निर्यात के कानून में बदलाव कर विदेशों से प्याज निर्यात करने का फैसला किया है. सरकार को किसानों पर विचार करना चाहिए.
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संगठन के बारे में क्या? (What about the organization?)
महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि प्याज उगाने वाले किसानों को पहले से ही भारी बारिश से काफी नुकसान हो रहा है, इसलिए केंद्र सरकार ने नेफेड के माध्यम से खरीदे गए प्याज का बंपर स्टॉक आयात करना शुरू कर दिया है.
दिघोले ने कहा कि वह विदेशों से प्याज आयात कर देश में बंपर स्टॉक लाने के फैसले का विरोध करते रहेंगे. दिघोले ने किसानों को मंडी समिति में चरणबद्ध तरीके से प्याज बेचने में जल्दबाजी न करने की सलाह दी है. सरकार के इस फैसले पर राज्य प्याज उत्पादक संघ ने जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है.