NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 6 October, 2021 5:34 PM IST
GI Tag

हमारे देश में प्याज एक महत्वपूर्ण सब्जी एवं मसाला फसल के रूप में जाना जाता है. इसमें प्रोटीन एवं कुछ बिटामिन भी अल्प मात्रा में रहते हैं. इसके साथ ही प्याज में बहुत से औषधीय गुण भी पाये जाते हैं. प्याज का सूप, अचार एवं सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है. भारत के प्याज उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, उ.प्र., उड़ीसा, कर्नाटक, तमिलनाडू, म.प्र., आन्ध्र प्रदेश एवं बिहार प्रमुख रूप से शामिल हैं.

उपज के साथ-साथ प्याज की खपत भी यहां अधिक होती है. भारत के  महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा की जाती है.  अलीबाग में सफ़ेद प्याज़ खेती बड़े की पैमाने पर किया जाता है . वहीं भारत से प्याज का निर्यात मलेशिया, यू.ए.ई. कनाड़ा, जापान, लेबनान एवं कुबेत में किया जाता है.

अलीबाग के सफेद प्याज का वर्ष 1983 के आधिकारिक गजट में उल्लेख किया गया था. इस प्याज में जो औषधीय गुण पाया जाता है, उसका  प्रयोग हृदय रोग, कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रण एवं इंसूलिन निर्माण में किया जाता है. एक अधिकारी के मुताबिक, यहां के कृषि विभाग और कोंकण कृषि विश्वविद्यालय ने 15 जनवरी 2019 को जीआई टैग (GI Tag ) के लिए आवेदन किया था. इस साल 29 सितंबर को पेटेंट पंजीयक के मुंबई कार्यालय में प्रस्ताव की जांच की गई थी. जिसके बाद अलीबाग के सफेद बाग को जीआई टैग देने का फैसला किया गया. प्याज़ की फसल से प्रति एकड़ करीब 2 लाख की औसत आमदनी होती है.

सफ़ेद प्याज़ की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा फायदा

महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के अलीबाग के मशहूर सफेद प्याज का ‘भौगोलिक संकेतक’(जीआई टैग) मिल गया है. जिससे उसे अनोखी पहचान मिली है. जीआई मिलने के बाद अब इसकी इंटरनेशनल मार्केटिंग आसान हो जाएगी. सफ़ेद प्याज़ फसल से प्रति एकड़ करीब दो लाख की औसत आमदनी होती है. जिससे किसानों को भारी मुनाफ़ा होगा.

क्या है GI टैग ?

GI   टैग यानि जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग ये एक प्रकार का लेबल होता है, जिसमें किसी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है. ऐसा प्रोडक्ट जिसकी विशेषता या फिर नाम खास तौर से प्रकृति और मानवीय कारकों पर निर्भर करती है.

किसी वस्तु या फसल को अगर GI टैग मिलता है, तो फसल को उस जगह की स्पेशलिटी मान लिया जाता है. जिससे देशभर में उसे उस जगह के नाम से पहचान मिलती है. जीआई टैग मिलने से उस उत्‍पादित प्रोडक्‍ट के साथ क्‍वालिटी का पैमाना भी जुड़ जाता है. किसानों को इससे फसल के अच्‍छे दाम मिलते हैं.

English Summary: White onion of Maharashtra gets GI tag.
Published on: 06 October 2021, 05:39 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now