Agriculture News: पिछले एक सप्ताह से जिले के कई गांवों के किसान बाजरे की फसल में सफेद लट कीट के प्रकोप को लेकर चिंतित हैं. कृषि विज्ञान केन्द्र, झज्जर में किसानों की लगातार शिकायतें आ रही हैं कि उनकी बाजरे की फसल मुरझा रही है और सूखने लगी है. इसको लेकर केन्द्र के वरिष्ठ संयोजक एवं कीट वैज्ञानिक डॉ. जयलाल यादव ने किसानों को जानकारी और उपाय साझा किए.
डॉ. यादव ने बताया कि यह सफेद रंग की लट होती है, जिसका सिर भूरा और जबड़े बेहद मजबूत होते हैं. यह कीट पौधों की जड़ों को भूमि के भीतर से काटता है, जिससे पौधा धीरे-धीरे पीला पड़कर सूखने लगता है. आमतौर पर जब पौधा सूखने लगता है, तभी इसके आक्रमण का पता चलता है. अगर मिट्टी को खोदकर देखें तो यह लट अंग्रेजी के ‘C’ आकार में नजर आती है.
उन्होंने बताया कि यह लट कभी-कभी 80% तक फसल को नुकसान पहुंचा सकती है. यह एक बहुभक्षी कीट है और बाजरा, मूंगफली, ज्वार, गन्ना, ग्वार, मिर्च जैसी खरीफ फसलों पर हमला करती है. खासकर बलुई दोमट मिट्टी में इसका प्रभाव अधिक देखने को मिलता है. हालांकि रबी की फसलों पर यह कीट असर नहीं डालता है.
वैज्ञानिक की सलाह
इस कीट से फसल को बचाने के लिए डॉ. यादव ने सलाह दी है कि किसान अपनी खड़ी फसल में इमिडाक्लोप्रिड (कॉन्फीडोर) 17.8 एस.एल. की 150 मिली दवा को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. छिड़काव के बाद हल्की सिंचाई जरूरी है ताकि दवा जड़ तक पहुंच सके और कीट का प्रभाव खत्म हो.
किन-किन गांवों में फैली है समस्या?
यह समस्या जिले के डुलाना, सिगड़ा, खेड़की, माण्डोला, भोजावास, कलवाड़ी, सुरजनवास, नांगल सिरोही, ढाढोत, डेरोली जाट सहित अन्य गांवों में किसानों द्वारा बताई गई है. किसानों को सलाह दी जाती है कि समय पर कीटनाशक छिड़काव करें और कृषि विज्ञान केंद्र से सलाह लेते रहें.