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Updated on: 27 December, 2022 5:17 PM IST

देश में गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसल है. इस साल देशभर में गेहूं की बंपर बुवाई हुई है. सभी राज्यों में गेहूं की बुवाई के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है. केंद्र सरकार के आंकड़ो के मुताबिक स्वदेशी अनाज घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ ही दूसरे देशों के लिए निर्यात हो रहा है. केंद्र सरकार ने गेहूं समेत अन्य अनाज भारी मात्रा में एक्सपोर्ट किए हैं.

केंद्र सरकार ने गेहूं और अन्य अनाज के निर्यात का आंकड़ा जारी किया है.  मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर में 46.56 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया. इसकी कीमत 1.5 अरब डॉलर है. जबकि वर्ष 2021-22 में 2.12 अरब डॉलर मूल्य का गेहूं का निर्यात किया गया.

बासमती चावल का 24.10 लाख टन निर्यात

वर्ष 2022-23 के पहले सात महीनों में बासमती चावल का निर्यात 24.10 लाख टन किया गया है. जिसका मूल्य 2.54 अरब डॉलर रहा. यह जानकारी केंद्र सरकार की ओर से संसद में दी गई है.  

देश में साल 2022 की शुरुआत में ही आटे की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी, जिसका सबसे बड़ा कारण गेहूं की कीमतों का इजाफा था. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह कीमतें रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण बढ़ी थी. जिसका प्रभाव भारत में गेहूं की कीमतों पर भी पड़ा. गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था. फिलहाल देश में गेहूं भंडारण की स्थिति सामान्य हुई है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार से खाद्य निर्यातक बहुत समय से गेहूं एक्सपोर्ट करने की छूट के लिए गुहार लगा रहे थे. जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा जरूरतों की स्थिति को देखते हुए गेहूं की खेप विदेश भेजने की अनुमति दे दी है.

केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकडों के मुताबिक 186 निर्यातकों को विदेश व्यापार नीति, 2015-2020 के तहत संक्रमणकालीन व्यवस्था के प्रावधानों और कुछ शर्तों के अनुसार गेहूं निर्यात करने की अनुमति दी गई है.

English Summary: wheat exports 47 lakh tonnes in india data released By central government
Published on: 27 December 2022, 05:22 PM IST

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