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Updated on: 3 February, 2024 11:07 AM IST
गेहूं की फसल प्रभावित होने का अनुमान

Wheat Crop: फरवरी का महीना अब शुरू हो चुका है और उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में ठंड अभी भी बरकरार है. वैसे तो सामान्य तौर पर अब तक ठंड कम हो जाती थी. लेकिन, ठंड में और इजाफा हो रहा है. जिससे गेहूं का उत्पादन करने वाले किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. क्योंकि, ठंड और शीतलहर गेहूं के लिए फायदेमंद है. जिससे उत्पादन बढ़ सकता है. यही वजह है की इस साल बंपर गेहूं उत्पादन की उम्मीद लगाई जा रही है. हालांकि, सरकार को चिंता है कि अगर अचानक मौसम परिवर्तित हो जाए और तापमान बहुत बढ़ जाए, तो गेहूं पर असर पड़ सकता है. अगर ऐसा होता है तो देश को गेहूं का आयात करना पड़ेगा ताकि मांग को पूरा किया जा सके.

तापमान बढ़ने का अनुमान

बिजनेस स्टैंडर्ड रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं को लंबे समय तक ठंड रहने से उसके वानस्पतिक विकास में मदद मिली है, लेकिन आगामी दिनों में तापमान में वृद्धि होने की आशंका है. जिससे फसल प्रभावित हो सकती है और उत्पादन घट सकता है. गेहूं अनुसंधान निदेशालय के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि ठंड के कारण हमें सामान्य 3.5 टन प्रति हेक्टेयर की तुलना में थोड़ी बेहतर उपज की उम्मीद है. यही कारण है कि हम 114 मिलियन मीट्रिक टन के लक्ष्य को आसानी से पूरा कर सकते हैं.

ठंड से फसल को हुआ फायदा

वहीं, किसानों ने कहा कि रोपण की धीमी शुरुआत के बाद ठंडे मौसम से फसल को मदद मिली है. लेकिन अप्रैल की शुरुआत तक मौसम की स्थिति अनुकूल रहने की जरूरत है. वहीं, हरियाणा के रवींद्र काजल ने कहा कि कम तापमान ने हमारी उम्मीदें बढ़ा दी हैं, लेकिन हम अभी भी सतर्क हैं. पिछले दो वर्षों में फरवरी और मार्च में तापमान में अचानक वृद्धि के कारण गेहूं की फसल को नुकसान हुआ था.

तापमान बढ़ने से होगा नुकसान

हालांकि, भारत के उपजाऊ मैदानों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की कमी ने तापमान में अचानक वृद्धि की चिंता बढ़ा दी है. सरकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी राज्यों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान दोनों में वृद्धि शुरू हो गई है. उन्होंने कहा कि फरवरी में, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों में अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है, जो भारत की अनाज बेल्ट का हिस्सा हैं. इससे गेहूं पर प्रतिकुलू प्रभाव पड़ेगा.

गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक है चीन

बता दें कि मौजूदा समय में चीन विश्व में सबसे बड़ा गेहूं का उत्पादन करने वाला देश है. चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा अन्नाज उत्पादक होने के कारण इस वर्ष गेहूं की फसल भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है. बेमौसमी बारिश और गर्म मौसम ने 2022 और 2023 में भारत के गेहूं उत्पादन पर असर डाला था. जिसके चलते राज्य के भंडारों में भारी कमी आई थी. अगर इस बार भी गेहूं का उत्पादन घटता है तो भारत के पास आयात करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा.

English Summary: Wheat crop may be affected due to increase in temperature IMD warned farmers wheat production in india
Published on: 03 February 2024, 11:08 AM IST

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