टिकाऊ कृषि के माध्यम से जायडेक्स कर रहा एक हरित भविष्य का निर्माण बाढ़ से फसल नुकसान पर किसानों को मिलेगा ₹22,500 प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा, 5 सितंबर 2025 तक करें आवेदन बिना गारंटी के शुरू करें बिजनेस, सरकार दे रही है ₹20 लाख तक का लोन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 14 October, 2022 2:41 PM IST
भारत में सरकारी स्टॉक के आंकड़े

भारतीय खाद्य निगम(FCI) के द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार 1 अक्टूबर  को सार्वजनिक गोदामों में गेहूं और चावल का कुल स्टॉक 511.4 लाख टन था. जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 816 लाख टन था. आपको बता दें कि दिए गए आंकड़ों के अनुसार इस बार साल 2017 से अब तक गेंहू और चावल का स्टॉक सबसे निचले स्तर पर है. इसके अलावा 1 अक्टूबर को 227.5 लाख टन की मात्रा के साथ पिछले 6 सालों में सबसे निचल स्तर पर है.

आम आदमी पर इसका क्या होगा असर

भारतीय खाद्य निगम(FCI) के गोदामों में अनाज के स्टॉक में गिरावट का दिखना एक चिंता का विषय है. देश में पहले से ही गेंहू और आटे पर वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में अब तक के उच्चतम स्तर 17.41 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक है. आम आदमी पर इसके होने वाले असर को अगर देखा जाए तो सीधे तौर पर पड़ सकता है. गेंहू और चावल के स्टॉक में कमी की वजह से बाजार में आटा और चावल पर महंगाई बढ़ सकती है.  

ये भी पढ़ें: कम पानी में ज्यादा बढ़ती है गेहूं की ये किस्म, इसका उत्पादन क्षमता देख हो जाएंगे हैरान

रबी सीजन में लेट बुवाई का होगा कितना असर

अक्टूबर का आधा महीना लगभग सामाप्त हो चुका है लेकिन देश के कई हिस्सों में अभी तक रबी सीजन की बुवाई शुरु भी नहीं हुई है और इस बार बेमौसम बारिश के चलते खरीफ सीजन में धान की फसल में काफी बढ़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.

एक हिसाब से देखा जाए तो इसका सीधा संबंध भंडारण है, क्योंकि अगर गेंहू की नई फसल आने में देरी होती है तो देश में गेंहू और चावल के कमजोर भंडार से कब तक काम चलाया जा सकता है. इसलिए यह एक बड़ी ही गंभीर समस्या है.  

English Summary: wheat and rice stocks dip to five year low in india
Published on: 14 October 2022, 02:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now