भारत को हमेशा से कृषि प्रधान देश के रूप जाना गया है. यहां लगभग आधी से ज्यादा आबादी खेती पर ही निर्भर रहती है, लेकिन देश के बहुत से ऐसे किसान हैं, जिनकी स्थिति बहुत बेहाल है. उत्तर प्रदेश के बागपत क्षेत्र के किसानों का हाल कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है.
बता दें कि बागपत के किसानों को समय से गन्ना पर्चियां नहीं मिलने पर खेत खाली नहीं कर पाए. ऐसे मे खेत में खड़ी गन्ने की फसल की वजह से गेहूं की बुवाई नहीं हो पा रही है और यह किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है.
किसानों का कहना है कि समय से गन्ना पर्चियां नहीं मिलने पर खेत खाली नहीं कर पाए. जिस कारण इस बार पंद्रह हजार हेक्टेयर गेहूं का रकबा घट गया है. उधर, राजकीय बीज भंडारों में बंद लाखों रुपये का गेहूं का बीज चूहों ने कुतरकर खराब कर दिया है. इससे हमे भारी नुकसान हो रहा है.
जिला अधिकारीयों ने जताई चिंता (District Officials Expressed Concern)
बता दें कि किसानों की इन समस्याओं को देखकर विभाग के अधिकारी भी चिंता में पड़ गये हैं. उनका कहना है कि पिछले साल इस समय तक जनपद में लगभग 55 हजार हेक्टेयर गेहूं की बुवाई हो चुकी थी. मगर इस वर्ष अब तक मात्र 40 हजार हेक्टेयर बुवाई की हुई है. इसके अलावा गेहूं बुवाई का उचित समय नंवबर से लेकर दिसंबर तक ही होता है. इसके बाद बुवाई करने पर पैदावार प्रभावित होती है.
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गेहूं के बीज की हो रही बर्बादी (Waste Of Wheat Seeds)
राजकीय बीज भंडार के इंचार्ज के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, बीज भंडार घर में चूहों ने लगभग डेढ़ लाख रुपये का गेहूं का बीज बर्बाद कर दिया है. अन्य जनपदों में भी यही हाल है, क्योंकि पर्चियां कम आने की वजह से किसान गेहूं का बीज खरीदने नहीं आ रहे हैं.