जहां पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने किसानों की पहली मांग स्वीकार कर ली है. वहीं, दूसरी मांग एमएसपी बिल (MSP Bill) पर अभी सी2 +50 फार्मूला (C2+50 Formula) लगाने की हो रही है. भाजपा सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसानों की फसलों के लिए एक वैधानिक एमएसपी गारंटी की मांग को स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका आंदोलन इसके बिना समाप्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि एमएसपी भी कृषि लागत और मूल्य आयोग के सी2+50 प्रतिशत फार्मूले पर आधारित होना चाहिए.
MSP का C2+50 फॉर्मूला क्या है? (What is MSP C2+50 Formula)
कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन (MS Swaminathan, Agriculture Scientist) की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय किसान आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि किसानों को सी2+50 प्रतिशत फार्मूले के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जाना चाहिए. यानी फसल की कुल लागत (C2) और उस पर होने वाला लाभ 50 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
A2 पद्धति के अनुसार, किसान द्वारा खेती पर खर्च की जाने वाली राशि से 50% अधिक MSP तय किया जाता है, जिसमें बीज, उर्वरक, कीटनाशक और श्रम पर खर्च शामिल है. हालांकि, सरकार अभी एमएसपी तय करते समय कॉस्ट A2+FL का फ़ॉर्मूला अपना रही है. इसमें वास्तविक लागत और किसान के परिवार के मेहनताने की लागत शामिल होती है.
दूसरी ओर, C2 विधि, इनपुट की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करते हुए गणना करती है. इसमें A2 की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले कारकों के अलावा, खेत पर काम करने वाले परिवार के सदस्यों के प्रयासों का आर्थिक मूल्य और किराए और अन्य संपत्ति सहित अन्य खर्चों का मूल्य शामिल है. इनकी गणना के बाद, एमएसपी प्राप्त राशि से 50% अधिक निर्धारित किया जाता है.
क्या है Cost A2, Cost A2+FL, Cost C2 फॉर्मूला? (What is Cost A2, Cost A2+FL, Cost C2 Formula)
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कॉस्ट A2- वह सभी खर्च जो किसान अपनी जेब से करता है. इसमें बीज से लेकर खाद आदि, मजदूर, मशीनरी और लीज पर ली गई जमीन का खर्च भी शामिल होता है.
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कॉस्ट A2 + FL- खेती में किसानों के परिवार भी काफी मेहनत करते हैं और इस फ़ॉर्मूला में उनका मेहनताना भी जोड़ा जाता है. इसे अनपेड फैमिली लेबर (FL) कहा जाता है.
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कॉस्ट C2- कॉम्प्रिहेन्सिव कॉस्ट यानी लागत को कैलकुलेट करने का सबसे व्यापक फ़ॉर्मूला. इसमें फैमिली लेबर, जमीन का किराया और खेती के काम लगाई गई पूंजी पर ब्याज को भी शामिल किया जाता है. इसके पक्ष में ही किसान और कृषि जानकार हैं.
भाजपा ने की थी ये घोषणा
बता दें कि भाजपा के 2014 के चुनावी घोषणापत्र में इस प्रस्ताव के अनुरूप किसानों को लागत से 50% अधिक की गारंटी देने का वादा किया गया था जो अब किसानों की एक प्रमुख राजनीतिक मांग बन गई है.