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Updated on: 13 October, 2023 6:43 PM IST
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार इस साल दिल्ली में 5 हजार एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल के खेतों में निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव कराएगी. बायो डी-कंपोजर का छिड़काव आज से नरेला विधानसभा के तिगीपुर से शुरू किया जाएगा. दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर 13 टीमें गठित की गई है. सरकार इस साल पराली गलाने के लिए 5000 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल के खेतों में नि:शुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करवाएगी. इसके लिए पूसा संस्थान बायो डी-कंपोजर घोलकर बनाकर दिल्ली सरकार को मुहैया कर रहा है. बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार द्वारा मुफ्त बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा.

पराली है मुख्य बिंदु

वायु प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने के लिए 15 बिंदुओं का विंटर एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. 15 फोकस बिंदुओं में शामिल पराली जलाना भी मुख्य बिंदु है. इसलिए सरकार पिछले साल की तरह इस बार भी पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डि-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव करने की तैयारी शुरू कर दी है.

क्या है डी-कंपोजर

बायो-डी-कंपोजर लाभकारी सूक्ष्म जीवों के एक समूह से बना है, जो फसल के अवशेषों, जानवरों के अपशिष्ट, गोबर और अन्य कचरे को तेजी से जैविक खाद में बदल देता है. बायो डीकंपोजर कृषि अपशिष्ट और फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक सस्ती और प्रभावशाली तकनीक है.

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बायो डी-कंपोजर बनाने की विधि

बायो डी-कंपोजर बनाने के लिए एक ड्रम में 200 लीटर पानी लेना होगा. जिसमें दो किलो गुड़ डालना होता है. इसके बाद एक शीशी बायो डी-कंपोजर मिलाएं. फिर उस ड्रम को ढककर रख दें. ड्रम में भरे पानी को 4-5 दिन तक कई बार चलाएं. इससे बायो डी-कंपोजर बनकर तैयार हो जाएगा. जैविक कृषि केंद्र के अनुसार 3 से 5 दिन वाले बायो डी कंपोजर को फसल के ऊपर से छिड़काव करते हैं. वहीं आप 5 दिन के बाद वाले को पानी के साथ मिलाकर सिंचाई कर सकते हैं.

बायो डी-कंपोजर से किसानों के लिए फायदेमंद-

  • फसल अवशेष, गोबर, कचरा और शहरों के कचरें जैसे सभी नाशवान जैविक सामग्री 40 दिनों के भीतर गल कर जैविक खाद बन जाती है.
  • बायो डी-कंपोजर से बीजों का उपचार करने पर बीजों का 98 प्रतिशत जल्दी और एक समान अंकुरण होते है. इसके साथ ही बीजों को संरक्षण प्रदान करता है.
  • बायो डी-कंपोजर का पौधों पर छिड़काव करने से विभिन्न फसलों में कई बीमारियों पर रोक लगती है.
  • बिना रसायन उर्वरक व कीटनाशक के  किसान फसल उगा सकते हैं. क्योंकि फिर यूरिया,डीएपी या एमओपी की जरुरत नहीं पड़ती है.
  • बायो डी-कंपोजर का प्रयोग करने से सभी प्रकार की कीटनाशी और नाशी जीव दवाइयों का 90 प्रतिशत तक उपयोग कम हो जाता है. क्योंकि यह जडों की बीमारियों और तनों की बीमारियों को नियंत्रित कर लेता है.
English Summary: What is the bio d-composer delhi government free spray bio d composer and why is bio d-composer beneficial for farmers?
Published on: 13 October 2023, 06:50 PM IST

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