पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा योजना शुरू की है. प्रिमियम राशि का भुगतान सरकार करेगी. किसानों को निशुल्क फसल बीमा की सुविधा मिलेगी. लेकिन इसके लिए किसानों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा. फसल बीमा के लिए किसानों से आवेदन लेने के लिए सरकार ने अखबारों में विज्ञापन भी निकाला है. खरीफ 2020 की फसल बीमा की सुविधा पाने के लिए लिए आवेदन करने की दो तिथियां निर्धारित की गई है. आउस धान, मक्का और जूट की फसल के लिए 15 जुलाई तक किसानों को आवेदन पत्र जमा करना होगा. अमन धान के लिए किसानों को 31 जुलाई तक फसल बीमा के लिए आवेदन करने को कहा गया है.
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजः किसानों को फसल बीमा के लिए आवेदन करने के लिए उनके पास मदताता पहचान पत्र और आधार कार्ड होना चरूरी है. साथ में संबधित फसल की खेती का प्रमाण पत्र भी देना होगा. वोटर कार्ड, आधार कार्ड और खेती के प्रमाण पत्र के साथ किसानों को संबंधित जिला के कृषि अधिकारी से संपर्क करना होगा. हालांकि इसके लिए किसान जिला के एग्रीक्लचर इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं. लेकिन जिला के कृषि अधिकारी के पास फसल बीमा के लिए आवेदन करना ही अच्छा है. इसलिए कि कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को फसल बीमा के लिए आवेदन करने में मदद करेंगे. किसानों को निर्धारित तिथि 15- 31 जुलाई के अंदर फसल बीमा के लिए आवेदन कर देना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष फसल बीमा नहीं करने वाले किसानों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. मुशिर्दाबाद जिला के तिलहन किसानों की फसल इस बार नष्ट हो गई है. तिलहन की फसल के लिए बीमा नहीं कराया गया था. कांदी महकमा में इस बार 10 हजार हेक्टेयर भूमि में तिलहन की खेती की गई थी. किसानों का कहना है कि इस बार अप्रैल से ही वर्षा शुरू हो जाने के काऱण तिलहान की फसल नष्ट हो गई. तिलहन की फसल कम वर्षा में तैयार होती है. लेकिन इस बार अप्रैल में खेतों में तिलहन के बीज बोने के कुछ दिन बाद ही वर्षा शुरू हो गई. फसल नष्ट होने को लेकर किसानों ने जिला कृषि विभाग को इसकी सूचना दी है. किसानों ने फसल नष्ट होने पर सरकार से मुआवाजा देने की मांग की है. कांदी महकमा अधिकारी का कहना है कि किसानों ने फसल का बीमा नहीं कराया है. इसलिए उन्हें इसका कुछ लाभ नहीं मिलेगा. सरकार तिलहन किसानों को आर्थिक तौर पर राहत देने के लिए अन्य
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विकल्पों पर विचार कर रही है.
पश्चिम बंगाल में पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागू नहीं है. लेकिन राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना से किसानों को लाभ मिलता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल अपनी जिस महत्वाकांक्षी कृषक बंधु परियोजना की शुरूआत की उसका लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. कृषक बंधु परियोजना को बेहतर बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना को राज्य में लागू करने से इनकार कर दिया है. उनका तर्क है कि राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना से किसानों की जरूरतें पूरी जाएगी. फसल बीमा से लेकर दुर्घटना और मौत होने पर भी किसानों को इस योजना के तहत आर्थिक लाभ मिलेगा. जब राज्य में किसानों के लिए इतनी अच्छी योजना पहले से ही मौजूद है तो अन्य किसी केंद्रीय योजना का लाभ लेने की उन्हें जरूरत नहीं पड़ेगी. कृषक बंधु योजना के तहत 19 से लेकर 60 वर्ष की उम्र तक कृषक परिवार का कोई भी सदस्य इस योजना का लाभ पाने का हकदार है. इस योजना के तहत नाम पंजीकृत करने वाले किसान और खेतीहर मजदूरों की असमय मौत होने पर उनके परिजनों को सरकार दो लाख रुपए की राशि देती है. साथ ही सरकार फसल बीमा की प्रिमियम का भुगतान खुद करती है. इस योजना के तहत प्रति एकड़ भूमि पर किसानों को 5 लाख रुपए सालाना आर्थिक मदद भी सरकार देती है. उल्लेखनीय है कि अभी तक राज्य में 47 लाख 19 हजार 439 किसानों ने कृषक बंधु परियोजा का लाभ पाने के लिए अपना नाम पंजीकृत किया है. हालांकि राज्य में 72 लाख किसान समेत असंख्य खेतीहर मजदूर भी कृषि कार्य से जुड़े हैं. सरकार ने अधिक से अधिक किसानों को कृषक बंधु परियोजना का लाभ पाने के लिए अपना नाम पंजीकृत करने को कहा है. राज्य सरकार की कृषक बंधु योजना कोई ज्यादा पुरानी नहीं है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों को आर्थिक मदद और संपूर्ण राहत प्रदान करने के उद्देश्य से पिछले वर्ष 2019 में ही इस योजना की शुरूआत की थी.
राज्य का कोई भी किसान कृषक बंधु योजना का लाभ पाने के लिए आनलाइन अपना नाम पंजीकृत करा सकता है. 2020 के लिए इस योजना के तहत आनलाइन नाम पंजीकृत कराने की प्रक्रिया शुरू हुई है. आवेदन के लिए कृषि विभाग की आफिसियल वेबसाइट https/krishakbandhu.net पर लॉगइन करना होगा. सरकार ने खरीफ फसल के बीमा के लिए किसानों को 15-31 जुलाई तक आवेदन पत्र जमा करने का निर्देश दिया है.