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Updated on: 17 September, 2022 10:34 AM IST
West Bengal Agromet Advisory

पश्चिम बंगाल के राज्य मौसम विभाग ने मौजूदा मौसम को देखते हुए एग्रोमेट एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में राज्य के किसानों और पशुपालकों के लिए इस मौसम में अपनी फसलों और पशुओं को बचाने की जरूरी जानकारी दी गई है.

धान (पीला तना छेदक और खैरा रोग से बचाव)

धान में तना छेदक या चूसने वाले कीट को नियंत्रित करने के लिए, निमास्त्र- 5 लीटर गोमूत्र + 5 किलो नीम के पत्ते + 2 किलो कच्चे गाय के गोबर का मिश्रण, इसे अच्छी तरह से मिलाकर 24 घंटे रखें, फिर अर्क लें इस घोल में से 10 मिली का अर्क प्रति लीटर पानी में मिलाकर शाम के समय चावल के खेत में भीगने के साथ स्प्रे करें.

काला चना (प्रारंभिक स्टेज)

पौधे पर 25-30 DAS पर 20% DAP घोल का छिड़काव करें. इसके लिए डीएपी को रात भर भिगोकर 20 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बना लें. बोराक्स का 2% घोल भी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें और इमाज़िथापायर 200 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें, ताकि खरपतवारों को उगने के बाद नियंत्रित किया जा सके.

राज्य के पशुपालक किसानों के लिए जरूरी सलाह

बकरी-भेड़

बरसात के मौसम में Peste des petits ruminants (पी.पी.आर) रोग बहुत अधिक प्रचलित है. इस रोग से बचाव के लिए बकरी और भेड़ों का टीकाकरण करवाएं. इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक टीकाकरण बहुत कारगर है. अपने संबंधित ब्लॉक के बीएलओ से संपर्क करें.

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गाय

गायों में बरसात के मौसम में पैर और मुंह की बीमारी देखने को मिलती है. इससे बचने के लिए शेड को साफ व सूखा रखें और शेड को ब्लीचिंग पाउडर से कीटाणुरहित करें. उन्हें सूखा खाना ही खिलाएं. उन्हें जलमग्न खेत में चरने न दें. किसानों को पैर और मुंह की बीमारी (एफएमडी टीकाकरण), ब्लैक क्वार्टर डिजीज (बीसी टीकाकरण) के खिलाफ पशुओं का टीकाकरण करने की सलाह दी जाती है.

मछली (अल्सर रोग से बचाने के उपाय)

अल्सर रोग को नियंत्रित करने के लिए 13 किलो चूना/बीघा मछली तालाब में लगाएं. फिर 7 दिनों के बाद 1.3 किलो ब्लीचिंग पावर/बीघा मछली तालाब में डालें.

English Summary: West Bengal Agromet Advisory: Take care of your crops and animals this season
Published on: 17 September 2022, 10:46 AM IST

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