पूरे विश्व में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का है. इस दिवस के दिन महिलाओं को उनके हक़ के प्रति जागरूक किया जाता है, साथ ही इस दिन स्कूलों, सरकारी दफ्तरों एवं प्राइवेट सेक्टर में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
इसके चलते अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला के अवसर पर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कृषि जागरण एग्रीकल्चर मीडिया ने एक खास वेबिनर का आयोजन किया है. इसका विषय “कृषि क्षेत्र में महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन” था. इस कार्यकर्म में देश के सभी बड़े – बड़े सहभागियों ने भाग लिया है.
इस कार्यक्रम के मध्यस्थ (Moderator) Krishi Jagran के संस्थापक और प्रधान संपादक MC Dominic थे. उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर सभी के समक्ष एक नया उदाहरण पेश किया. आपको बता दें कि M.C Dominic ने विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं के संख्या को बढ़ाया जाए, इस पर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों हाउस के सीटों को दोगुना कर देना चाहिए और आधी-आधी सीट महिला और पुरुष के लिए आरक्षित कर देना चाहिए. तब जाकर पता चलेगा कौन असल मायने में देश को चलाने की क्षमता रखता है.
साथ ही उन्होंने इस पर जोर दिया कि कैसे हम महिला शक्ति को एक साथ आगे लेकर बढ़ सकते हैं. महिलाओं के समस्या पर भी एग्रीकल्चर वर्ल्ड और कृषि जागरण के फाउंडर एंड एडिटर इन चीफ ने खुलकर अपने विचारों को व्यक्त किया और कहा अब समय खुद को सामाजिक कुरीतियों में बाँधकर रखने का नहीं है. समय आ गया है कि हम महिलाओं के मासिक समस्याओं को खुलकर स्वीकार करें और उसको लेकर अंधविश्वास समाज में फैल रहा है, उसको बढ़ने से रोकें.इसके अलावा इस सत्र में कई सम्मानित वक्ताओं ने भाग लिया और अपने विचारों को साझा किया. साथ ही कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका और क्षमता के बारे में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया.
श्री मनोज भट्ट, किसान, उत्तराखंड खाद्य किसान:अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि महिला आबादी को सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से काफी संभावनाएं और योजनाएं हैं. जिसको मद्दे नजर रखते हुए हमे आगे बढ़ने की जरुरत है.
श्री राजू कपूर, निदेशक- सार्वजनिक और उद्योग मामले, एफएमसी कॉर्पोरेशन:राजू कपूर ने वास्तविक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाओं के संघर्ष को समझना महत्वपूर्ण है. नहीं तो हर साल महिला दिवस आएगा और निकल जाएगा, लेकिन इससे जमीनी स्तर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. श्री राजू ने कहा कि अभी भी महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के लिए बुनियादी ढांचे की भारी कमी है. जिसको दूर करना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने महिलाओं के लिए स्वच्छ शौचालय और वाशरूम की आवश्यकता पर भी जोर दिया.
डॉ. अनिल कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि महिला संस्थान (सीआईडब्ल्यूए) ओडिशा: डॉ. अनिल कुमार ने सभी तथ्यों और आंकड़ों के साथ महिलाओं के योगदान को स्पष्ट रूप से सबके सामने रखा.
श्री प्रभात लाभ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ग्रामीण फाउंडेशन इंडिया: प्रभात लाभ ने ग्रामीण महिलाओं की बात करते हुए कहा कि महिलाओं का जमीनी स्तर से विकास होना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत और मुखिया के पदों पर महिलाओं की भागीदारी अधिक है. वहीं उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि एफपीओ में महिलाओं की भागीदारी बहुत काम है, सिर्फ 10-20 फीसदी. इसके अलावा प्रभात लाभ ने महिलाओं के जामुन तोड़ने की बात कही. साथ ही कहा कि अगर हम उन्हें वर्क लाइफ में फ्लेक्सिबिलिटी देंगे, तो उनकी भागीदारी बढ़ेगी.
श्री संजय वायल, संस्थापक और सीईओ, ईशवेद बायोटेक प्रा. लिमिटेड ने महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए कहा कि ईशवेद बायोटेक में 90% कर्मचारी महिलाएं हैं. उन्होंने आगे कहा कि 2030 तक उनके संगठन में 10000 महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा जाएगा. उन्होंने इश्वेद बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के विजन और मिशन को मजबूती से सभी के समक्ष रखा.
डॉ रवींद्र कुमार सोहाणे निदेशक विस्तार शिक्षा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर ने भारत सरकार के साथ-साथ बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए की गई पहलों पर एक त्वरित समीक्षा प्रस्तुत की और कहा बिहार ऐसा पहला राज्य है जहाँ महिला सशक्तिकरण को लेकर बदलाव किया गया. साथ ही उन्होंने बिहार सरकार द्वारा अल्कोहल प्रतिबन्ध की भी तारीफ की और कहा इस वजह से औरतों के खिलाफ हो रहे घरेलू हिंसा पर भी रोक लगा है. जो महिलाओं के लिए बहुत बड़ी बात है.
श्री प्रदीप पटेल, संस्थापक और सीईओ - प्राइम यूएवी, गुजरात, कृषि ड्रोन निर्माता ने गणतंत्र दिवस पर बड़े ड्रोन शो के पीछे महिला सरिता अहलावत सहित प्रौद्योगिकी में महिलाओं का एक उदाहरण प्रस्तुत किया. इसके अलावा, उन्होंने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकियों में जीपीएस तकनीक पर शोध किया, जिसमें महिला भी शामिल थी. उन्होंने कहा इस माध्यम से हम महिलाओं को इस क्षेत्र में बढ़ावा दे सकते हैं.
श्री रामकुमार, उपाध्यक्ष, गरुड़ एयरोस्पेस प्रा. लिमिटेड ने महिलाओं के योगदान को केवल एक दिन मनाने के बजाय 365 दिन/वर्ष मनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि हम ड्रोन तकनीक से कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बेहतर बनाने में योगदान दे रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम ज्यादातर महिलाओं को शामिल करने वाले ग्रामीण उद्यमियों को एग्रीड्रोन के उपयोग पर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी दे रहे हैं.
वहीँ इस पूरे वेबिनार की पहल श्री वरदान कसनिया ने सभी अतिथिगण का स्वागत करते हुए किया और वेबिनार का समापन श्री निकेत श्रीवास्तव ने अथिथिगन द्वारा व्यक्त की गयी विचारों को दोहराते हुए सभी का धन्यवाद किया और कहा कि आने वाले समय में हम इन मुख्य बिन्दुओं का पालन करते हुए सफल और विकसित समाज बनाएंगे.