कृषि विज्ञान केन्द्र, झालावाड़ द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भिलवाड़ी के छात्र छात्राओं के लिए वोकेशनल शिक्षा पर 26 दिसम्बर 2023 से 05 जनवरी 2024 तक ऑन जोब प्रशिक्षण आयोजित किया गया, इस बात की जानकारी केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, डॉ. टी.सी. वर्मा दी है. उन्होंने बताया कि, कौशल विकास के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां इस केन्द्र के माध्यम से आयोजित की जाती है. जिनका लाभ प्रशिक्षणार्थियों को इस प्रशिक्षण के माध्यम से दिया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, इसमें 50 छात्र छात्राओं ने भाग लिया है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झालावाड़ के एडीपीसी सीताराम मीणा ने बताया कि सरकार द्वारा बच्चों में कौशल विकास हेतु इस प्रकार के प्रशिक्षण आयोजित करने की पहल की गई है, जिनके माध्यम से बच्चों को शिक्षा के साथ कौशल विकास के लिए एक प्लेटफार्म मिल रहा है. वहीं झालावाड़ के शिक्षा विभाग में पीओ, रफत अनवर ने बताया कि बच्चों को शिक्षा लेते हुए अपने कौशल को निखारने के लिए इस प्रकार का प्रशिक्षण बहुत ही निर्णायक है. बच्चों के भविष्य को निखारने के लिए अतुलनीय प्रशिक्षण है. जिसके माध्यम से बच्चों में शिक्षा के साथ कृषि क्षेत्र में अभिरूचि जागृत होती है. उन्होंने आगे कहा कि, इससे बच्चा शिक्षा लेते समय एवं शिक्षा पूर्ण होने के बाद अपना स्वरोजगार शुरू कर अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकता है.
झालावाड़ के शिक्षा विभाग में समसा, घनश्याम ने व्यवसायिक शिक्षा पर जोर देते हुए बच्चों से आग्रह किया कि शिक्षा के साथ अतिरिक्त आमदनी के लिए कृषि क्षेत्र से जुड़ा हुआ व्यवसाय किया जा सकता है. उन्होंने कहा, बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए व्यवसायिक शिक्षा भी एक घटक की तरह कार्य करती है, जिसके माध्यम से भविष्य में कृषि क्षेत्र में भी नवाचार किया जा सकता है.
केन्द्र के विषय विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान) डॉ. सेवाराम रूण्डला ने थ्योरी एवं प्रयोगिक कालांशों के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों से बच्चों को रूबरू करवाया. उन्होंने यहां पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न विषयों जैसे नैनो उर्वरक, प्राकृतिक खेती, वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन, नेपियर घास उत्पादन, प्राकृतिक तालाब में सिंघाड़ा व मछली उत्पादन, फसलोत्पादन में जैविक खादों की महत्वता, बकरी पालन, डेयरी एवं पशुपालन, कृषि से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों पर विस्तार से चर्चा की है. इसके अलावा उन्होंने फार्म पर जीवंत इकाईयों पर विभिन्न प्रायोगिक कार्य करवाए, जैसे जैव प्रबंधन एवं उपयोगिता, वर्मीकम्पोस्ट बनाने की विधि, प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों को बनाने की विधियों आदि.
उन्होंने कहा कि, पशुपालन में स्वच्छ दुग्ध दोहन हेतु स्वच्छता रखें, जिससे पशुओं में बीमारियों का कम से कम प्रकोप हो और इनसे शुद्ध व स्वच्छ दूध प्राप्त हो सकें. इस बीच केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ.मौहम्मद युनुस ने विभिन्न इकाईयों के महत्व पर प्रकाश डाला और तकनीकी सहायक सुनिता कुमारी ने तकनीकी पार्क पर भ्रमण करवाया.
भिलवाड़ी के प्रभारी एवं व्यवसायिक शिक्षक, महावीर कुमार शर्मा ने 10 दिवसीय प्रशिक्षण में बच्चों का हौसलावर्धन करते हुए केन्द्र की गतिविधियों के माध्यम से प्रशिक्षण में बढ़चढ़ कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया. इसके अलावा संजीदा परवेज, प्रधानाचार्य एवं आशा सुयन कार्यक्रम, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, भिलवाड़ी ने भी अपना उद्बोधन दिया.