जिलों के गाँव व शहर में अचानक से टिड्डियों के दल ने हमला कर दिया. लाखों की संख्या में टिड्डियां नीमच शहर की कई कालोनियों में व जावद और आसपास के गाँव में टिड्डी दल से लोगों में दहशत फेल गई. प्रशासन और कृषि विभाग की मदद से टिड्डियों को भगाया गया, कई जगह रासायनिक छिड़काव से टिड्डी दल को नष्ट करने की कोशिश भी की गई. लेकिन लाखों की संख्या होने से पूरी तरह टिड्डी दल को नष्ट ना कर सकें. नीमच से होते राजस्थान के रास्ते मन्दसौर जिले में टिड्डी दल आ पहुँचा. प्रशासन सतर्क होने से पूरे दलबल के साथ टिड्डियों के सामना करने के लिए प्रशासन दल और कृषि विभाग तैयार होने से पूरी रात भर मेहनत कर टिड्डी को रासायनिक दवाइयों की मदद से टिड्डी दल जो की लाखों की संख्या में था उसको नष्ट कर किसानो और मन्दसौर की जनता को टिड्डी दल के हमले से बचाया.
टिड्डी (Locust) ऐक्रिडाइइडी (Acridiide) परिवार के ऑर्थाप्टेरा (Orthoptera) गण का कीट है. हेमिप्टेरा (Hemiptera) गण के सिकेडा (Cicada) वंश का कीट भी टिड्डी या फसल डिड्डी (Harvest Locust) कहलाता है. इसे लधुश्रृंगीय टिड्डा (Short Horned Grasshopper) भी कहते हैं. संपूर्ण संसार में इसकी केवल छह जातियाँ पाई जाती हैं. यह प्रवासी कीट है और इसकी उड़ान दो हजार मील तक पाई गई है.
कृषि विभाग द्वारा कैमिकल का छिड़काव किया गया जो की पहलें ही तैयारी कर रखी थी. 5 से 6 किलोमीटर लम्बा टिड्डी दल एक झुंड में खेतों की सब्ज़ियाँ, पेड़ों और फसलों पर हमला करता है. टिड्डी दल की नष्ट करने के कृषि विभाग और की पूरी टीम लगी हुई है. टिड्डी दल रात को खेतों और पेड़ों पर स्टे (कैप) करती है. कृषि विभाग का कहना है टिड्डी को नष्ट करना ज़रूरी है इसकी संख्या खेतों व पेड़ों पर रात में स्टे करने के साथ में प्रजनन भी कर लेता है और हवा में प्रजनन कर टिड्डियां अपनी संख्या बढ़ा लेती है.
पिछलें माह 15 मई, 2020 को टिड्डी दल का हमला हुआ था और अब 15 जून को वापस राजस्थान के रास्ते टिड्डी मध्य प्रदेश के मन्दसौर व नीमच जिले में आ पहुँचा. जिससे शरह के नागरिक से लेकर गाँव के लोगों में दहशत फैल गई है.
यह किये है इंतजाम - कृषि विभाग ने टिड्डी दल से निपटने के लिए सभी इंतजाम कर लिए है.अभी भी टिड्डी दल हवा में तैर रहा है ये रात के अंधेरे में कैंप करता है.कृषि विभाग की टीम तैयार है. कैंप करते ही टिड्डियों पर कैमिकल का छिड़काव किया और इन्हें मार दिया जायेगा. इसके लिए नगर पालिका की फ़ायर ब्रीगेड की गाड़ियों की मदद भी ली जायेगी. टिड्डी नियंत्रण एवं प्रबन्धक से भी चर्चा की जाएगी. कृषि विभाग द्वारा शिविर लगाकर टिड्डी दल पर कैसे नियंत्रण किया जाए जानकारीया भी दी जाएगी.