Punjab: गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने पशुपालन पेशे में असाधारण प्रदर्शन करने वाले प्रगतिशील किसानों के लिए इस वर्ष के मुख्यमंत्री पुरस्कारों की घोषणा की है. ये पुरस्कार 14 मार्च को विश्वविद्यालय के पशुपालन मेले में प्रदान किए जाएंगे. डॉ प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने पुरस्कारों के बारे में बताते हुए कहा कि पशुपालन व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए पंजाब के सभी किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं.
प्राप्त आवेदनों की प्रारंभिक जांच के बाद विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की टीम ने विभिन्न फार्मों का दौरा किया और पशुपालकों द्वारा अपनाई गई नवीनतम और स्व-विकसित तकनीकों का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद दलजीत कौर तूर, गांव खोसा कोटला, जिला मोगा को भैंस डेयरी फार्मिंग श्रेणी में पुरस्कृत किया जाएगा. विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित विभिन्न श्रेणियों में मुख्यमंत्री पुरस्कार प्राप्त करने वाली वह पहली किसान महिला हैं. उन्होंने 2019 में आधुनिक डेयरी स्थापित कर काम शुरू किया. आज उनके पास 32 नीली रावी भैंस हैं. जिसमें से 13 दूध देने वाली भैंसें रोजाना 150 लीटर दूध दे रही हैं.
इसी फार्म की एक भैंस सबसे ज्यादा 22 लीटर दूध भी दे चुकी है. वे उपभोक्ताओं को सीधा दूध बेचती हैं और घी भी तैयार करती हैं. उन्होंने एक गोबर गैस संयंत्र भी स्थापित किया है और संयंत्र से निकलने वाले कचरे का उपयोग उर्वरक के रूप में करती हैं.
बकरी पालन के क्षेत्र में बरजिंदर सिंह कंग, पुत्र करनैल सिंह कंग, सरिहंद रोड, पटियाला को पुरस्कार दिया जाएगा. एमबीए शिक्षित इस किसान ने तीन से चार साल तक कनाडा में भी काम किया. वहां से लौटने के बाद उन्होंने 2017 में एक बकरी फार्म शुरू किया. वर्तमान में उनके पास बकरे, बकरी और मेमनों सहित 85 जानवर हैं. वे बकरी आहार स्वयं तैयार करते हैं और प्राकृतिक वनस्पति के आहार पर अधिक जोर देते हैं. उनके फार्म पर एक माह में लगभग 1500 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसमें अधिकतम उत्पादकता 3.8 लीटर प्रतिदिन रही है.
मत्स्य पालन के क्षेत्र में यह सम्मान रूपिंदर पाल सिंह, पुत्र जसपाल सिंह, गांव जंडवाला चड़त सिंह, जिला मुक्तसर साहिब को प्रदान किया जाएगा. वर्ष 2012 में उन्होंने 5 एकड़ क्षेत्र में मछली पालन शुरू किया. वर्तमान में वह 36 एकड़ क्षेत्र में मछली पालन कर रहे हैं. बीटेक ग्रेजुएट इस किसान ने एक एकड़ से 2200 किलोग्राम उत्पादन भी हासिल किया है. अब उन्होंने झींगा पालन भी शुरू कर दिया है.
सुअर पालन के क्षेत्र में ग्राम फतेहगढ़ शुक्रचक, जिला अमृतसर के बिक्रमजीत सिंह, पुत्र परमजीत सिंह को सम्मानित किया जाएगा. उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है और 2016 में यह काम शुरू किया था. वर्तमान में उनके पास सूअर और बच्चों सहित लगभग 650 जानवर हैं. वे अपना खुद का चारा तैयार करते हैं और सूअरों को बाजार में बेचते हैं और साथ ही उन्हें संसाधित करके अचार भी तैयार करते हैं. इन सभी लोगों को पुरस्कार में नकद पुरस्कार के अलावा एक प्रमाण पत्र, शॉल और एक सजावटी पट्टिका दी जाएगी.