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Updated on: 15 March, 2024 6:48 PM IST
पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ने मोबाइल फिश कार्ट किया लॉन्च

राज्य में प्रति व्यक्ति मछली की खपत के बारे में जागरूकता पैदा करने और बढ़ाने के लिए, कालेज आफ फिशरीज़, गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना ने पशुपालन मेले के दौरान युवाओं और इच्छुक लोगों के लिए उद्यमशीलता दृष्टिकोण के साथ एक मोबाइल फिश कार्ट लॉन्च किया. मत्स्य उत्पादों के पोषण संबंधी लाभों की वकालत करने के साथ-साथ, कार्ट सब्जियों, दूध और दूध उत्पादों की तरह  उपभोक्ताओं के दरवाजे तक ताजी और साफ मछली भी पहुंचाएगा. मोबाइल कार्ट में 300 लीटर की क्षमता वाला एक चार्जेबल ग्लाइकोल डीप फ्रीजर है, जिसे 6 घंटे के भीतर चार्ज किया जा सकता है और यह 20 घंटे तक -20 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए रखेगा.

डॉ मीरा डी.आंसल, डीन, कालेज आफ फिशरीज़, कहा कि विपणन अवधि के दौरान मत्स्य उत्पादों की ताजगी और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कार्ट को अनुकूलित किया गया है. यह एक समय में 100 किलोग्राम मछली उत्पाद ले जा सकता है और मछली प्रेमियों को रसोई में पकाने के लिए तैयार ताजा मछली उत्पाद प्रदान करेगा. इस प्रोटोटाइप मॉडल की कीमत करीब 2.75 लाख रुपये है. ऐसी सुविधा का शहरी उपभोक्ताओं द्वारा स्वागत किए जाने की उम्मीद है, जिन्हें मछली खरीदने के लिए दूर के मछली बाजारों/सुपर बाजारों में जाना पड़ता है. इसके अलावा, इससे खरीदार को बिना किसी सफाई की परेशानी के मछली पकाने में भी मदद मिलेगी. इस कार्ट का उपयोग सार्वजनिक मांग के अनुसार अन्य मांस उत्पादों के विपणन के लिए भी किया जा सकता है और इससे स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित करते हुए उद्यमिता का विकास होगा.

डॉ वनीत इंदर कौर ने कहा कि मछली आसानी से पचने योग्य प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है जिसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड, स्वस्थ वसा, खनिज और विटामिन होते हैं. यह गर्भवती महिलाओं, बढ़ते बच्चों, हृदय स्वास्थ्य, याददाश्त, दृष्टि सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद है.

 डॉ. प्रकाश सिंह बराड़, निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि इस सुविधा से शहरी आबादी के बीच मछली की खपत को बढ़ावा मिलेगा और इसका उपयोग मांस और मछली उत्पादों के घरेलू बाजार को मजबूत करने के अलावा दूध और अन्य मांस उत्पादों के विपणन के लिए भी किया जा सकता है.

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डॉ इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने इस पहल के लिए टीम को बधाई देते हुए कहा कि पंजाब में प्रति व्यक्ति मछली की खपत बहुत कम यानी केवल 400 ग्राम है, जबकि राष्ट्रीय औसत 6.8 किलोग्राम और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश 12 किलोग्राम है. उन्होंने कहा कि मछली उत्पादों के स्वास्थ्य लाभों को जागरूकता और स्वच्छ ताजा सुविधाजनक उत्पादों की उपलब्धता के माध्यम से बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिससे न केवल मछली की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ेगी बल्कि एक मजबूत घरेलू बाजार के साथ राज्य की जलीय कृषि में भी वृद्धि होगी और उद्योग को भी समर्थन मिलेगा.

English Summary: Veterinary University launches mobile fish cart to promote fish consumption Fisheries
Published on: 15 March 2024, 06:52 PM IST

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