किसानों के लिए निकाली गई अभी तक की सबसे लाभकारी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि किसानों के बीच काफी अधिक लोकप्रिय हो चुकी है. अभी तक किसानों को इस स्कीम के जरिए अत्यधिक लाभ पहुंचाया जा चुका है. इस स्कीम के जरिए लाभ पाने वाले किसानों कि संख्या लगभग 10 करोड़ पहुंच चुकी है. यह बात कृषि मंत्रालय के जरिए जारी की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है जिसमें यह आंकड़ा 9.65 करोड़ बताया गया. वहीं इस स्कीम के जरिए सरकार ने लगभग 14.5 करोड़ किसान परिवारों को खेती-किसानी के खर्च को वहन करने के लिए 6 हजार रुपये सालाना देने का ऐलान किया था. फिल्हाल इस स्कीम को शुरू हुए 17 महीने का वक्त हो गया है औऱ अभी तक इसका 100 प्रतिशत कवरेज नहीं हो सका है.
वेरफिकेशन की प्रक्रिया की गई तेज़
सरकार का ऐसा मानना है कि सभी किसानों तक इस स्कीम का लाभ पहुंचाया जाए और कोई किसान इसके लाभ से वंचित ना रह जाए इसलिए इसकी वेरीफिकेशन की प्रक्रिया को जिला स्तर पर तेज़ कर दिया गया है. इस स्कीम में अभी यह बात भी सामने आयी है कि करीब सवा करोड़ लोगों के आवेदन, आधार, पैन और बैंक अकाउंट नंबर के वेरीफिकेशन न होने के कारण पेंडिंग हैं. वहीं कुछ ऐसे जिले भी हैं जहां लगभग लाख-लाख किसान वेरीफिकेशन के लिए प्रयास कर रहे हैं.कृषि मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो इस स्कीम की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इसके करीब 11 करोड़ लाभार्थी पूरे हो जाएंगे. वर्ष 2018-19 में इस स्कीम के लिए सरकार ने 75 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा था लेकिन लाभार्थियों के आभाव में सिर्फ 54 हजार करोड़ ही खर्च हुआ. वहीं सरकार ने किसानों को यह भी लाभ दिया है कि वो खुद से रजिस्ट्रेशन करें लेकिन फिर भी उम्मीद के अनुसार लाभर्थी नहीं आए.जय-किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुषपेंद्र सिंह ने इस स्कीम में किसानों को मिलने वाली रकम को 6000 से बढ़ाकर 24000 करने की वकालत कर चुके हैं. पुषपेंद्र सिंह ने कहा था कि इस स्कीम का लाभ सही आदमी को मिले, ना कि गलत लोग इसका लाभ लें. वहीं वेरीफिकेशन होने के बाद स्कीम का पैसा शुरू से दिया जाए.
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