उत्तराखंड में खरीफ की फसलों की खरीद जोरों पर है. राज्य सरकार किसानों से मिलेट्स (मोटा अनाज) फसलों की खरीद कर रही है, जिससे किसानों को विशेष लाभ हो रहा है. उन्हें उनकी फसलों पर एमएसपी (MSP) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ मिल रहा है. वहीं, सरकार ने चौलाई ( राजगीरा या रामदाना) के लिए ₹50 प्रति किलो और मंडुआ के लिए ₹48.86 प्रति किलो का भाव तय किया है. इसके अलावा सोयाबीन और झंगोरा जैसी पौष्टिक फसलों के लिए भी आकर्षक दरें दी जा रही हैं.
महिला किसानों को होगा लाभ
राज्य सरकार ने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक विशेष प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है, जिसके तहत दूरस्थ पर्वतीय इलाकों की महिला किसान अगर अपनी उपज लेकर खरीद केंद्र पर पहुंचती हैं, तो उन्हें प्रति किलोग्राम ₹1 का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा. यह सरकार का कदम महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा और उन्हें खेती के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करेगा.
सहकारी समितियों को सौंपी गई जिम्मेदारी
उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (UCF) को उपज की पूरी खरीद प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यानी यूसीएफ के माध्यम से सहकारी समितियां ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों के किसानों से सीधे फसलों की खरीद करेंगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी और किसानों को उनकी फसलों का मूल्य सीधे उनके खाते में मिलेगा.
22 केंद्रों पर हो रही है खरीद
राज्य के विभिन्न जिलों में फसल खरीद का नेटवर्क तैयार किया गया है, जिसमें चम्पावत जिले के कुल 22 केंद्र स्थापित किए गए हैं. इनमें शामिल हैं:
चम्पावत, हरतोला, मंच, सीमियां, सिप्टी, कोट अमोड़ी, धूरा, चानमारी, धरमघर, दिगालीचौड़, खतेड़ा, डमडई, बाराकोट, बापरू, इन्द्रपूरी, वल्सों, बांजगांव, गोशनी, रौलमेल, देवीधूरा, दूबड़ और चौड़ामेहता — ये सभी मुख्य केंद्रों के रूप में शामिल हैं. इन केंद्रों पर किसानों की फसलें प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक खरीदी जाएंगी. यह फसल खरीद का निर्धारित समय है.
किसानों को सीधा भुगतान व्यवस्था
किसानों की फसल खरीद का भुगतान डिजिटल प्रणाली (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाएगा. इस प्रक्रिया में किसी भी बिचौलिए की आवश्यकता नहीं होगी. यह सरकार की प्रणाली किसानों के लिए पूरी तरह से लाभकारी है.
मिलेट मिशन योजना से जुड़े लाभ
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किसानों को सरकार प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेगी.
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किसानों को उनकी फसलों की खरीद पर सरकारी निर्धारित मूल्य के अनुसार उचित मूल्य मिलेगा.
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महिला किसानों को विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
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किसानों को सरकार विपणन और परिवहन में सहयोग प्रदान करेगी.