बीज फसलों के लिए सबसे जरूरी कृषि निवेश है. यदि बीज खराब हो, तो सारी मेहनत बेकार चली जाती है. खराब बीज से अंकुरण नहीं होता, पौधे कमजोर होते हैं और उपज घट जाती है. इससे किसानों को घाटा होता है और खेती घाटे का सौदा बन जाती है.
घटिया बीज बना किसानों की सबसे बड़ी चुनौती
2023-24 में उत्तर प्रदेश में जांचे गए 1.33 लाख से अधिक बीज नमूनों में से 3630 नमूने खराब पाए गए. किसानों को न केवल घटिया बीज मिल रहा है, बल्कि बीज कंपनियों की मुनाफाखोरी ने समस्या और बढ़ा दी है. बीज की गुणवत्ता की कमी उपज में गिरावट का एक बड़ा कारण बन रही है.
योगी सरकार की नई पहल: 5 बीज पार्क
किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में पांच बीज पार्क स्थापित कर रही है. ये पार्क प्रदेश के पांच कृषि जलवायु क्षेत्रों — वेस्टर्न जोन, तराई जोन, सेंट्रल जोन, बुंदेलखंड और ईस्टर्न जोन — में पीपीपी मॉडल पर बनाए जाएंगे.
2500 करोड़ रुपये का निवेश
सरकार अगले तीन वर्षों में बीज पार्कों के लिए 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. इन पार्कों में बीज उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग, भंडारण, हाइब्रिड लैब और स्पीड ब्रीडिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी. इससे किसानों को उनकी फसल के अनुसार बेहतर बीज स्थानीय स्तर पर मिल सकेगा.
लखनऊ में पहले बीज पार्क का काम शुरू
पहला बीज पार्क लखनऊ के अटारी स्थित राजकीय कृषि प्रक्षेत्र की 130.63 एकड़ भूमि पर बन रहा है. इसमें सरकार 266.70 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. यहां 26 बीज ब्लॉक बनाए जाएंगे और आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं.
रोजगार और किसान लाभ
एक बीज पार्क से लगभग 1200 लोगों को प्रत्यक्ष और 3000 को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इसके अलावा 40,000 से अधिक बीज उत्पादक किसान सीधे लाभान्वित होंगे. निवेशकों को भूमि 30 साल की लीज पर दी जाएगी, जिसे 90 साल तक बढ़ाया जा सकेगा.
हर साल 3000 करोड़ खर्च होता है बाहर से बीज मंगाने पर
उत्तर प्रदेश में हर साल लगभग 139 लाख क्विंटल बीज की जरूरत होती है, लेकिन वर्तमान में इसका लगभग 50% हिस्सा दक्षिण भारत से आता है. राज्य सरकार को हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपये का खर्च केवल बीज आयात पर करना पड़ता है. यह खर्च अब कम होगा.
उत्पादन में सुधार की उम्मीद
यूपी देश का सबसे बड़ा कृषि राज्य है, लेकिन गेहूं, धान और अन्य फसलों की प्रति हेक्टेयर उपज अभी भी पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों से कम है. गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता से यह उत्पादन अंतर 15-20% तक घटाया जा सकता है.
यूपी की कृषि ताकत
- कृषि भूमि: 162 लाख हेक्टेयर (देश में सबसे अधिक)
- सिंचित क्षेत्र: 80% से अधिक
- कृषि पर निर्भर परिवार: लगभग 3 करोड़
- खाद्यान्न व दूध उत्पादन: देश में पहले स्थान पर
- फल व फूल उत्पादन: देश में क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर