यूं तो किसी भी लोकतांत्रिक देश में सरकारें जनता जनार्दन के हित के लिए कोई न कोई ऐलान करती रहती है, लेकिन अगर यह ऐलान चुनाव से ऐन वक्त पहले किया जाए तो आप ही बताइए कि चर्चा का बाजार गुलजार होगा की नहीं. वो भी जब चुनाव उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के हों तो ऐसे में न महज चर्चा का बाजार ही गुलजार होगा, बल्कि सियासी पारा भी गरमाएगा. बीते शुक्रवार को एक ऐसा ही ऐलान उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनाव से ठीक पहले राज्य के गन्ना किसानों के हित में किया है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि अब गन्ना किसानों की गन्ना कीमतों में इजाफा किया जाएगा. सुरेश राणा के इस ऐलान के बाद से प्रदेश के किसान खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं, लेकिन सूबे की सियासी गलियारों में सियासी पंडित इस पूरे मसले को लेकर सियासी चश्मे से देख रहे हैं. बताया जा रहा है कि चुनाव से ठीक पहले यह ऐलान किसानों को रिझाने के मकसद से किया गया है.
वैसे भी कुछ महीनों से किसानों का एक बड़ा तबका बीजेपी सरकार से खफा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले किया गया यह ऐलान काफी चर्चा में है. इससे पहले केंद्र सरकार ने भी गन्ना की कीमतों में इजाफा किया था. जिसके बाद अब यूपी सरकार नेयह फैसला लिया है.वर्तमान में प्रदेश में 325 प्रति क्विंतल के हिसाब के गन्ना की कीमत चल रही है. आइए, आगे अब जानते हैं कि प्रदेश के गन्ना किसानों को कितना भुगतान दिया जा चुका है.
गन्ना किसानों को मिल चुका है इतना भुगतान
गन्ना किसानों का हमेशा से यह शिकवा रहा है कि उन्हें समय पर भुगतान नहीं मिलता है, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से यह साफ जाहिर हो रहा है कि विगत कुछ वर्षों से गन्ना किसानों को समय पर भुगतान दिया जा रहा है. गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि विगत चार वर्षों में 1,42,311 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है. 2016-17 में प्रदेश के किसानों को 14,998 करोड़ रूपए का भुगतान किया था. 2017-2018 में 35,443 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है. सुरेश राणा का कहना है कि इस बार प्रदेश के किसानों को समय पर सारे भुगतान किए जा रहे हैं. हम नहीं चाहते हैं कि प्रदेश के किसी भी किसान को आर्थिक बदहालियों का सामना करना पड़े.
वहीं, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों की सरकारों ने भी गन्ना किसानों के हितों को ध्यान में एसएपी की दरों में इजाफा किया है. पंजाब सरकार 310 रूपए से बढ़ाकर 325 रूपए प्रति क्विंतल कर दिया है. वहीं, अन्य राज्यों की सरकारें भी एसएपी की कीमतों में इजाफा करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में आगे चलकर सरकार इस दिशा में क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
वहीं, अगर गन्ना उत्पादन के लिहाज से उत्तर प्रदेश की बात करें तो देश के किसी भी अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन यहांहोता है. प्रदेश के 48 लाख किसान महज गन्ने की खेती करते हैं.