बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की खड़ी फसल को किस तरह का नुकसान हुआ है, इस बारे में बताने की जरूरत नहीं है. किसानों की कड़ी मेहनत पानी की वजह से ही पानी में मिल गई. किसानों का कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में कुछ अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. ऐसे में यूपी सरकार ने बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए हर तरह के नुकसान में मदद करने का पूरा प्रयास किया है.
इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र द्वारा राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि (एनडीआरएफ) से लगभग 358.58 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने की मांग की है. National Disaster Response Force (NDRF) की राशि से किसानों को मदद देने की योजना की जा रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्रालय को मांगपत्र भेजा जा चुका है.
इन जिलों के लिए मांगी गई सहायता राशि
यूपी के शाहजहांपुर, लखनऊ, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, देवरिया, झांसी के साथ लगभग 60 जिले के किसानों के लिए सहायता राशि की मांग की गई है.
31 जिलों में 300 से भी ज्यादा पशुओं की हुई मृत्यु
आपको बता दें कि मार्च की शुरुआत में हुई बारिश और ओलावृष्टि लगभग दो हफ्ते तक जारी रही. इस बीच किसानों के लिए ये दिन बहुत ही दुःखदायी रहे. इसके चलते राज्य के 50 से भी ज़्यादा जिले के किसान प्रभावित हुए हैं. इस प्राकृतिक आपदा से 31 जिलों में 60 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही न केवल लोगों की जान गई है, बल्कि लगभग 350 पशुओं की भी मौत हुई है.
लगभग 7 लाख किसानों की असल बर्बाद
रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 10 हज़ार से भी ज्यादा लोगों के घर उजड़ गए हैं. वहीं अगर बात करें किसानों की फसल की, तो लगभग 7 लाख किसानों की 33 फीसदी से भी ज्यादा फसल को नुकसान पहुंचा है. इस नुकसान के तहत लगभग 2 लाख हेक्टेयर तक की फसल की बर्बादी तो दो हेक्टेयर वाले किसानों की हुई है. साथ ही कुछ किसानों को कृषि निवेश सब्सिडी (SUBSIDY) उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से 351 करोड़ 42 लाख 72 हजार रुपए की मांग की जा चुकी है. इसके तहत 2 हेक्टेयर क्षेत्र तक के नुकसान वाले किसानों के लिए लगभग 303 करोड़ रुपए व दो हेक्टेयर से अधिक नुकसान वाले किसानों के लिए लगभग 47 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने की बात कही गई है.
किसान परिवारों की मदद के लिए 2.72 करोड़ रुपए की मांगी गई मदद
वहीं कुछ किसान परिवारों की मदद के लिए 2.72 करोड़ रुपए की भी मांग की गई है. इनमें वे किसान भी शामिल हैं जिनके ऊपर छत भी न बची. इसके साथ ही पशुहानि के मुआवजे के लिए लगभग 57.90 लाख रुपए की मांग की गई है. ऐसे में कुल सहायता राशि की बात करें तो किसानों के लिए 358 करोड़ 58 लाख 98 हजार रुपए की मांग की जा चुकी है.