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Updated on: 21 September, 2019 5:33 PM IST

भारी रोष प्रदर्शन के बाद किसानों एवं मजदूरों की समस्याओं पर आखिरकार सरकार कुछ कहने-सुनने को राजी हो गई है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दिल्ली की तरफ निकलने वाली किसानों की पैदल यात्रा अंततः सफल रही और सरकार 15 में से 5 मांगों को मानने के लिए तैयार हो गई. सरकार द्वारा 5 मांगों को मान्य करने एवं बाकि मांगों पर विचार के आश्वसन पर किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया. गौरतलब है कि अपनी परेशानियों एवं मुसिबतों से सरकार को अवगत कराने के लिए दिल्ली आए किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में अपनी बातें अधिकारियों के सामने रखी. जिसके बाद 5 मांगों को सरकार द्वारा मान्य कर दिया गया. इस बारे में किसानों ने बताया कि फिलहाल आंदोलन खत्म कर दिया गया है, लेकिन भविष्य में सरकार अपने किसी वादें या आश्वसन से अगर मुकरी तो आंदोलन पूर्ण शुरू किया जाएगा.

ये है किसानों की प्रमुख मांगें  

किसानों का कर्ज माफ हो.

सिंचाई के लिए बिजली फ्री मिले एवं उनके शिक्षा एवं स्वास्थ्य की व्यवस्था भी सरकार सुनश्चित करें. इसके अलावा उनके परिवारों को भी दुर्घटना बीमा योजना में लाभ हो.

60 वर्ष की आयु पश्चात 5,000 रुपये महीना पेंशन एवं फसलों के दाम किसान प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही तय हो.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए हाईकोर्ट और एम्स खोले जाएं.

बूढ़े गोवंश के पालन के लिए 300 रुपये प्रतिदिन किसानों को मिले.

देश में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट जल्दी से जल्दी लागू हो.

English Summary: uttar pradesh farmer protest government agreed for five demand
Published on: 21 September 2019, 05:37 PM IST

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