नवबंर महीने में अमेरिकी मार्केट के खुदरा बिक्री के आकड़ों में गिरावट दर्ज की गई है जिसकी वजह से अमेरिका में मंदी की आंशका बढ़ गई है. मंदी का कारण फेडरल रिजर्व की ओर से लगातार ब्याज दरों में की जा रही बढ़ोतरी है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है. जिसका असर भारत पर पड़ सकता है. डाउ जोन्स (dow jones) इंडस्ट्रियल एवरेज के लिए सिंतबर के बाद गुरुवार का दिन सबसे खराब दिन रहा है.
गुरुवार को डाउ जोन्स 764.13 अंको या 2.25 से गिरकर 33,202.22 पर पहुंच गया. एसएडंपी 500,2.49 फीसदी से गिरकर 3,895.75 पर आ गया. जिसके कारण दिसंबर में इसकी गिरावट 4.5 फीसदी हो गई है. नेस्डैक 3.23 फीसदी से गिरकर 10,810.53 पर आ गया है और टेक-हैवी इंडेक्स साल 2022 के नुकसान घाटे के आंकड़े में करीब 31 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.
एप्पल सहित कई कंपनियों के शेयर गिरे
एसएंडपी के ट्रेडिंग में केवल 14 स्टॉक पॉजिटिव रहे. वहीं एप्पल और मेगा कैप टेक स्टॉक के शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. एप्पल अल्फाबेट के शेयरों में 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई. जबकि अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट के शेयर 3 फीसदी तक गिरे. Digiday की रिपोर्ट के बाद नेटफ्लिक्स के शेयर 8.6 फीसदी तक गिर गए. इसके साथ ही नेटफ्लिक्स व्यूअरशिप में भी गिरावट आई है जिसके बाद विज्ञापनदाताओं को पैसे वापस करने की पेशकर हो रही है.
कंज्यूमर्स पर भारी पड़ रही खुदरा बिक्री दर
खुदरा बिक्री रिपोर्ट के मुताबिक मंहगाई दर कंज्यूमर्स पर भारी पड़ रही है. कॉमर्स विभाग के मुताबिक नवबंर महीने में खुदरा महंगाई दर में 0.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं डाउ जोन्स ने 0.3 फीसदी की गिरावट का आंदेशा जताया था. वहीं केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी ब्याज दरों को 0.50 फीसदी बढ़ाया है. जिसके बाद से ही अमेरिकी मार्केट में बिकवाली शुरू हो गई है. केंद्रीय बैंक की ओर से बताया गया है कि यह बढ़ोतरी दरें अगले साल 2023 तक जारी रहेंगी और फेड फंड की दर 5.1% से उच्च स्तर पर ले जाने का अनुमान है.
ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने से फेड रिजर्व का टार्गेट रेट 4.25 फीसदी से 4.50 फीसदी के बीच पहुंच गया है. ये बढ़ोतरी की दरें पिछले 15 सालों यानी 2007 के बाद सबसे अधिक हैं. वहीं डाउ जोन्स बुधवार को 34,000 से नीचे बंद हुआ था और फिर खराब खुदरा बिक्री डेटा के बाद से गुरुवार को बिकवाली तेज हो गई.
ब्रिटेन में फिर हुआ ब्याज दरों में इजाफा
ब्रिटेन पहले ही आर्थिक मंदी झेल रहा है. जिसके बाद अब वहां बढ़ती महंगाई दर लोगों के लिए परेशानी का विषय बन गई है. पीएम ऋषि सुनक ने मंदी को कंट्रोल करने के लिए मंहगाई की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. गुरुवार को ब्रिटेन ने अपनी ब्याज में 0.50 फीसदी का इजाफा किया है. जिसके बाद सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में 0.50 का इजाफा कर इसे 3.5 प्रतिशत पर पहुंचा दिया. बता दे कि दिसंबर 2021 के बाद लगातार 9वीं बार इंग्लैंड ने अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को बिकवाली दर्ज की गई. निफ्टी और सेंसेक्स दोनों तेज गिरावट के साथ बंद हुए. गुरुवार को सेंसेक्स 879 अंको की गिरावट के साथ 61,799 पर बंद हुआ, तो वहीं निफ्टी 245 अंको से गिरकर 18,415 पर रुका. अमेरिकी ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी सीधे तौर पर भारतीय बाजार को प्रभावित कर रही है.
अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि फेडरल रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद विदेशी इन्वेस्टर्स का निवेश भारतीय शेयर बाजार में कम हो सकता है. बता दें कि आरबीआई ने हाल ही में एमपीसी की बैठक में रेपो रेट में 0.35 फीसदी का इजाफा किया था.