भारत सरकार किसानों को कीटनाशकों और कृषि रसायनों के सुरक्षित उपयोग के लिए निरंतर जागरूक कर रही है. सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के किसानों को कीटनाशकों के प्रयोग से होने वाले संभावित खतरों से बचाया जा सके और उनका उपयोग केवल आवश्यकतानुसार एवं सही तरीके से हो. कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने आज लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि देश में कीटनाशकों का निर्माण, बिक्री और उपयोग कीटनाशक अधिनियम, 1968 तथा कीटनाशक नियम, 1971 के तहत सख्त नियमों के अनुसार नियंत्रित किया जाता है. इन नियमों के तहत कीटनाशकों का उपयोग तभी अनुमोदित किया जाता है जब उनकी प्रभावशीलता और सुरक्षा मानव, पशु और पर्यावरण के लिए सुनिश्चित कर ली जाती है.
सरकार ने सभी निर्माताओं और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को निर्देशित किया है कि वे किसानों की सुविधा के लिए कीटनाशकों के पैकेट पर स्पष्ट रूप से खुराक, उपयोग की विधि, फसल का नाम, विषाक्तता त्रिकोण, सुरक्षा चिह्न, सावधानी और रोकथाम के उपाय आदि का उल्लेख अनिवार्य रूप से करें.
इसके साथ ही, केंद्रीय एकीकृत कीट प्रबंधन केंद्र (CIPMC), कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) और राज्य कृषि विभागों की मदद से देशभर में किसानों, कृषि विस्तार अधिकारियों और कीटनाशक विक्रेताओं को प्रशिक्षण देने के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में किसानों को यह सिखाया जा रहा है कि वे कीटनाशकों का प्रयोग कैसे करें, किन सावधानियों का पालन करें और किस प्रकार सुरक्षात्मक वस्त्र जैसे ओवरऑल, दस्ताने, मास्क, चश्मा और जूते पहनकर खुद को स्वास्थ्यगत जोखिमों से बचा सकते हैं.
सरकार का यह कदम किसानों को जागरूक और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम पहल है, जिससे न केवल उनकी सेहत की रक्षा होगी, बल्कि खेतों में फसल सुरक्षा का स्तर भी बेहतर होगा. साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि कीटनाशकों का उपयोग वैज्ञानिक और नियंत्रित ढंग से हो. इस जानकारी से स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार किसानों के हित में वैज्ञानिक पद्धति से कृषि कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.