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Updated on: 21 October, 2022 12:06 PM IST
राष्ट्रीय किसान मेला में अपने हर्बल चिकित्सा उत्पादों की दुकान पर मौजूद आंध्र प्रदेश से आए एंटरप्रन्योर वंसत कुलकर्णी, फोटो-कृषि जागरण.

पशु स्वास्थ्य उत्पाद (Animal Husbandary Medicinal Product): मवेशियों के लिए हर्बल चिकित्सा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाए बैठे वसंत कुलकर्णी ने बताया कि दुधारू पशुओं के थनों पर मेस्टिटीस/थनैला या अन्य संक्रामक रोग हो जाने पर पशु चिकित्सक पशुपालकों से एक टीका लगाने के लिए सैकड़ों रुपये ले लेते हैं. हमने पशुपालकों की चिंताओं पर विचार किया और इसके आवश्यक समाधान के लिए इस गुणकारी हर्बल लेप पाउडर का निर्माण किया. इसके एक बार प्रयोग करने से अच्छे परिणाम 2-3 दिनों में दिखने लगते हैं.

राष्ट्रीय किसान मेला में पंजाब से आए एंटरप्रन्योर मंजीत सिंह ऑटोमेटिक ग्रेन्युल मशीन और ऑयल प्रेस मशीन के साथ, फोटो-कृषि जागरण.

ऑयल प्रेस मशीन (Oil Press Machine): ऑयल प्रेस मशीन एक होम अप्लांयस है. इससे सरसों, बादाम, अखरोट, सोयाबीन और नारियल का तेल घर पर ही निकाला जा सकता है. पंजाब से आए उद्यमी मंजीत सिंह ने बताया की बाजार में मिलने वाले वनस्पति तेलों और बोतल बंद खाद्य तेलों का भरोसा नहीं रहा. लगातार मिलावटखोरी के मामले सामने आते रहते हैं.इसी वजह से उनके दिमाग में ऑयल प्रेस मशीन निर्माण का विचार आया. इस मशीन से 2-3 घंटे में सरसों का 3-4 लीटर तेल घर पर ही निकाला जा सकता है. तेल निकलने के बाद बची खली को मवेशियों को दिया जा सकता है.

AoNIR : यह पोर्टेबल यंत्र फलों और सब्जियों में उपस्थित मिनरल्स और प्रोटीन की मात्रा को बताएगा. प्रदर्शनी में बैठे पेशे से इंजीनियर और एंटरप्रन्योर एल्फोज दास़ एंटनी ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए हमारे शरीर उचित मात्रा में प्रोटीन और मिनरल्स की आवश्यकता होती है. इस मशीन की सहायता से फलों या सब्जियों को खाने से पहले उसमें प्रोटीन और विटामिन्स की मात्रा की जांच की जा सकती है.

विद्युत बैल (Electric Ox): महाराष्ट्र से आए इंजीनियर कपल तुकाराम और सोनाली ने बताया कि गांवों में खेती के लिए पारंपरिक रुप से जुताई का कार्य करने वाले बैलों की कमी हो रही है. किसानों की समस्याओं से निपटने के लिए हमने विद्युत बैल का निर्माण किया है.यह खेत की जुताई के साथ फसल की कटाई तक होने वाले सभी कृषि कार्य कर सकता है.

जैक कॉफी (Jack Coffee): राष्ट्रीय कृषि मेला में वैसे तो कई हर्बल और नेचुरल फूड प्रोडक्ट के स्टॉल सजे हुए थे, लेकिन इनमें सबसे खास कटहल से बनी कॉफी (Jack Coffee)  रही. वायनाड से आईं जैमी ने बताया कि हम जैक कॉफी के साथ कटहल के बीजों से बना आटा, कटहल का जैम कटहल से बने अन्य उत्पादों पर भी कार्य कर रहे हैं.

मल्टी क्रॉप वीडर और भिंडी कटर (Crop Weeder and Bhindi Cutter): मेला में अपने कृषि यंत्रों की दुकान पर बैठे डॉ. डीपी सिंह के अनुसार उनसे भिंडी काटने वाले किसानों की तकलीफें देखीं नहीं जातीं. पौधों से भिंडी चुनने के दौरान किसानों के हाथ घायल हो जाते हैं, इसी वजह से उन्होंने पोर्टेबल भिंडी कटर का आविष्कार कर डाला. यह कृषि यंत्र एक बार चार्ज होने पर 5-7 घंटे का बैकअप देता है. हर्बल मल्टीक्रॉप वीडर के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि किसान इसका इस्तेमाल चुकंदर, शलजम, प्याज के बीज बोने में कर सकते हैं यह खेत में एक बार में 5 बुवाई करता है. इसके ब्लेड मिट्टी में इन फसलों के बीजों के अंकुरण के लिए आवश्य गहराई तक आसानी से जाते हैं.

इलेक्ट्रिक बैल राष्ट्रीय किसान मेला में आकर्षण का केंद्र रहा, अपने प्रोडक्ट के साथा एंटरप्रन्योर महाराष्ट्र की सोनाली. फोटो-कृषि जागरण.

कल्टीरोवेटोर (Cultirovator): यह कृषि यंत्र सामान्य कल्टीवेटर का अपग्रेडेड मॉडल है. मेला में प्रदर्शनी सजाए बैठे हरियाणा के एंटरप्रन्योर आलोक बंसल की मानें तो इस कृषि यंत्र की सहायता से एक बार में ही खेत की निराई, गुड़ाई और खरपतवार निकाली जा सकती है. इससे किसानों का 50 प्रतिशत समय और डीजल बचता है. इस यंत्र को 65-45 हॉर्स पॉवर वाले ट्रैक्टर के साथ आसानी से जोड़कर कृषि कार्य किए जा सकते हैं. जहां सामान्य कल्टीवेटर से खेत की जुताई के बाद 10-15 दिनों के बाद खेत बीज की बुवाई के लिए तैयार होता है, वहीं कल्टीरोवेटर की सहायता से खेत की एक बार जुताई के बाद यह अवधि 5-8 दिन रह जाती है. यह यंत्र किसानों का समय और डीजल दोनों बचाएगा. इसके टायो बुल बोरोम ब्लेड्स किसी भी प्रकार की कृषि भूमि में कार्य कर सकते हैं. कल्टीरोवेटोर में बोनेट लगाए गए हैं, कल्टीरोवेटर सामान्य कल्टीवेटर के मुकाबले लंबे समय तक कृषि कार्य कर सकता है.

फल और सब्जियों की ग्रेडिंग मशीन (Fruit and Vegitables Grading Machine): इमेज बेस्ड सेंसर टेक्नॉलोजी पर आधारित यह मशीन किसानों को सब्जियों और फलों की ग्रेडिंग करने में सहायता करेगी. प्रदर्शनी में मशीन के कार्य कौशल के बारे में पूछने पर पंजाब के एंटरप्रन्योर युगराज दुग्गल ने बताया कि बड़ी-बड़ी कंपनियां किसानों से उनकी फसल बहुत कम दामों में खरीदती हैं. ये कंपनियां विदेशी ग्रेडिंग मशीनों से फलों को चुनकर किसानों से 5-10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदे गए फल और सब्जियां उपभोक्ताओं को मूल भाव से दस गुना ज्यादा महंगी बेचती हैं. किसानों के पास यह मशीन होगी तो इससे किसान और उपभोक्ता, दोनों को आर्थिक लाभ होगा.

English Summary: url-National Agriculture Fair 2022 Entrepreneurs products caught all the attention of farmers and young businessman
Published on: 21 October 2022, 01:25 PM IST

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