एक तरफ जहां केंद्र सरकार हमारे किसान भाइयों को उन्नत बनाने की दिशा में कोशिश कर रही है, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो सरकार की इस कोशिश को नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं. हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में एक ऐसी ही खबर से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसमें छुपे किरदार सरकार की कोशिश को नाकाम करने की जुगत में जुट चुके हैं, लेकिन इसके पहले की ये किरदार अपनी कोशिश में कामयाब हो उन्हें कड़ा सबक सिखाने के लिए केंद्र सरकार अपने पूरे लावलश्कर को दुरूस्त कर चुकी है. पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट...
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संज्ञान में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि कुछ लोग दूसरे देशों से आने वाले यूरिया की खुलेआम तस्करी कर रहे हैं. बता दें कि भारत अधिकांश यूरिया को दूसरे देशों से ही आयात करता हैं. बेशक, अभी यूरिया के मामले में हम अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी इस दिशा में हमें और मेहनत करने की जरूरत है, लिहाजा अभी-भी हम यूरिया की प्राप्ति के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हैं.
सतर्क हुआ गृह मंत्रालय
वहीं, जैसे ही उर्वरक मंत्रालय को उर्वरक के तस्करी के बारे में पता चला तो फौरन इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी गई. उधर, इस मामले को संज्ञान में लेने के बाद गृह मंत्रालय ने सतर्कता बरतते हुए एसएसबी, बीएसएफ और असम राइफल को नेपाल म्यांमार के बॉर्डर पर तैनात कर दिया है ताकि ऐसी गतिविधियों पर विराम लगाया जा सके.
कैसे हुआ इस मामले का खुलासा?
बहरहाल, अब मुद्दे की बात पर आते हैं और जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर उर्वरक मंत्रालय को इस पूरे मामले के बारे में कैसे पता चला है? बता दें कि मंत्रालय को इस पूरे मामले के बारे में एक रिपोर्ट के बारे में पता चला, जिसमें इस पूरे प्रकरण के बारे में तफसील से बताया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ स्थानीय लोग साइकिल से यूरिया की तस्करी कर रहे हैं.
मंत्रालय ने पहले कर दिया था इनकार
पहले उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय ने उर्वरकों की तस्करी के बात से इनकार कर दिया था. लेकिन, अब जब इसका खुलासा हो चुका है, तो मंत्रालय इस पूरे नामले की गंभीरता को समझते हुए गृह मंत्रालय की मदद लेते हुए इन सभी गतिविधियों पर विराम लगाने की कोशिश कर रहा है.