Dairy Farming: डेयरी फार्मिंग के लिए 42 लाख रुपये तक के लोन पर 33% तक की सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया PM Kisan Yojana Alert: जिन किसानों का नाम लिस्ट से हटा, आप भी उनमें तो नहीं? अभी करें स्टेटस चेक Success Story: सॉफ्टवेयर इंजीनियर से सफल गौपालक बने असीम रावत, सालाना टर्नओवर पहुंचा 10 करोड़ रुपये से अधिक! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 31 March, 2020 3:20 PM IST

हाल ही में योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक खास फैसला लिया है. यूपी किसानों के लिए ख़ास खबर यह है कि अगले महीने की शुरुआत से ही सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू कर देगी. जी हां, इस बात की घोषणा हो चुकी है कि 2 अप्रैल से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू कर दी जाएगी.

खरीद में सरसों, चना और मसूर शामिल

इस फसल खरीद (CROP PROCUREMENT) की घोषणा पिछले हफ्ते की जा चुकी है. इस खरीद प्रक्रिया के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं. आपको बता दें कि MSP पर शुरू होने वाली इस खरीद में सरसों, चना और मसूर शामिल हैं. बता दें, एमएसपी पर सरकार (UP government) ने किसानों से लगभग 2.64 लाख टन सरसों, 2.01 लाख टन चना और 1.21 लाख टन मसूर की खरीद की योजना बनाई है.

3 महीने तक जारी रहेगी खरीद

किसानों के उत्पादन की खरीद तीन महीने यानी 90 दिनों तक जारी रहेगी. इस खरीद की समयसीमा प्रदेश सरकार की तरफ से तय की गई है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फसलों के सर्वे के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला मजिस्ट्रेट को बीमा कंपनी (insurance) के साथ कृषि और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को पास मुहैया कराने का निर्देश दिया है. वहीं अभी तक के किसानों के आवेदन की बात करें तो मिली खबरों के मुताबिक 80,000  से ज्यादा किसानों ने बीमा कंपनियों को आवेदन भेजे हैं.

वहीं आलू उत्पादन को लेकर कहा गया है कि इसके भंडारण और निकासी के लिए कोल्ड स्टोरेज (cold storage) की साफ़-सफाई की जा रही है. इसके साथ ही यह भी चिंता जताई गई है कि आलू भंडारण की उचित व्यवस्था करने के बाद भी किसान अपने खेतों से आलू की खुदाई नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह लॉकडाउन (lockdown) बताई जा रही है. इसी कड़ी में कई जगह लॉकडाउन के ही चलते किसान अपने उत्पादन को फेंकने पर मजबूर हैं. उनका कहना है कि जब खरीददार ही नहीं हैं, तो रखकर क्या फायदा.

English Summary: up government will start crop procurement from 2 april 2020
Published on: 31 March 2020, 03:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now