उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में सरकार ने इस वर्ष एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है. राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत बचे हुए सोलर पंपों को इस वित्तीय वर्ष में ही स्थापित करने का निर्णय लिया है. शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी मिल गई. इस फैसले के बाद हजारों किसानों की सिंचाई से जुड़ी समस्याएं काफी हद तक खत्म हो जाएंगी.
सोलर पंप न सिर्फ किसानों को मुफ्त और सतत ऊर्जा प्रदान करेंगे बल्कि इससे बिजली बिल में भारी बचत भी होगी. इस कदम को गांवों में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है.
किसानों को कितना मिल रहा है अनुदान?
पीएम-कुसुम योजना वर्ष 2019-20 से किसानों के लिए लागू है. इस योजना के तहत-
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केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 60% तक की सब्सिडी देती है.
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यह सब्सिडी 2 HP से 7.5 HP क्षमता वाले सोलर पंपों पर दी जाती है.
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10 HP वाले सोलर पंपों को भी 7.5 HP के बराबर सब्सिडी दी जाती है, जिससे बड़े खेत वाले किसानों को भी भारी लाभ मिलता है.
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इस योजना के तहत किसान बेहद कम लागत में सोलर पंप लगवा सकते हैं.
अब तक कितने सोलर पंप स्थापित हो चुके हैं?
अब तक यूपी सरकार किसानों के लिए 63,345 सोलर पंप लगा चुकी है, जिससे-
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राज्य में 1.49 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित हो चुकी है.
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किसानों को सिंचाई के लिए महंगी बिजली या डीजल पर निर्भर नहीं रहना पड़ा.
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हर साल लगभग 5,483.98 लाख यूनिट बिजली की बचत हो रही है.
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यह किसानों के लिए आर्थिक रूप से एक बड़ा लाभ है.
इस साल पूरा होगा 40,521 सोलर पंपों का लक्ष्य
पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि विभाग का लक्ष्य 40,521 पंपों का था, लेकिन सरकारी प्रक्रिया और अन्य कारणों से केवल 28,811 पंप ही लग पाए थे. इसी के चलते कृषि विभाग ने कैबिनेट से अनुरोध किया कि पिछले वर्ष का अधूरा लक्ष्य इस वर्ष पूरा किया जाए. सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद इस वर्ष शेष 40,521 सोलर पंपों की स्थापना पूरी की जाएगी.
किस तरह होगा किसानों का चयन?
यह योजना पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर संचालित होगी.
आवेदन करते समय किसानों को यह नियम पालन करना होगा-
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₹5,000 टोकन मनी ऑनलाइन जमा करनी होगी.
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जिलेवार आवश्यकता और मांग के अनुसार पंपों की संख्या एवं क्षमता आवंटित की जाएगी.
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आवंटन के बाद किसान सोलर पंप बुक करा सकेंगे.
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इस प्रणाली से चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और व्यवस्थित रहेगी.