बीते कुछ दिनों से पंजाब में हुई बेमौसम बारिश और तेज हवाओं ने धान उत्पादकों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है. दरअसल, सोमवार के दिन अचनाक हुई भारी बारिश और तेज हवाओं के चलते फसल पर इसका दोहरा असर पड़ा है. बारिश व हवाओं ने पंजाब के खेतों में खड़ी धान की 30 प्रतिशत से भी कहीं अधिक फसल को नष्ट कर दिया है. इसके अलावा अनाज मंडियों पर भी बारिश का बेहद असर देखने को मिला है. मंडियों में रखे अनाज के भंडार में पानी भरने से गेहूं खराब हो गया है और साथ ही कटी हुई फसल/ Harvested Crop के ढेर भी बर्बाद हो गए हैं.
ऐसे में पंजाब के किसानों ने फसल नुकसान होने के बाद राज्य व केंद्र सरकार दोनों से ही मुआवजे की मांग की है. ताकि वह अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार और साथ ही फसल खर्च को चुका सके.
30 प्रतिशत फसलें हुई बर्बाद!
पंजाब में हुई अचानक बारिश व तेज हवाएं के चलते फसल नुकसान को लेकर किसानों का कहना है कि मौसम में हुई परिवर्तन के चलते खेतों में लगभग 30 प्रतिशत से भी अधिक फसल को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब के 10 जिलों में छिटपुट बारिश की भविष्यवाणी को लेकर किसानों को पहले ही मौसम विभाग के द्वारा सतर्क कर दिया गया था, जिसके चलते विभिन्न स्थानों के किसान चिंता में थे. वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के नुकसान में चावल मिल मालिकों की हड़ताल भी शामिल है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के नारायणगढ़ गांव के एक अन्य किसान रणजोत सिंह ने कहा कि बारिश के चलते उनकी करीब 100 क्विंटल से भी अधिक धान की फसल बर्बाद हो गई है. वहीं, रणधीर सिंह के किसान ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ खेत में धान को बोया था, जिसमें से अब लगभग 1.5 एकड़ क्षेत्र की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है. ठीक इसी तरह से जिले के अन्य किसानों की भी फसल बारिश से खराब हो गई है.
किसानों ने की मुआवजे की मांग
बेमौसम हुई बारिश से किसान अब राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों से मुआवजे मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए किसानों ने राज्य सरकार पर समर्थन की कमी का आरोप लगाया है और उन्होंने कहा कि फसल क्षति के लिए किसानों को किसी भी तरह का कोई मुआवजा नहीं दिया गया है.
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने पहले भी चार बार खेतों का सर्वेक्षण किया था, लेकिन क्षतिग्रस्त फसलों के लिए कोई मुआवजा नहीं दिया गया. इस बार उन्होंने सर्वेक्षण भी नहीं किया और इस मुश्किल समय में हमें असहाय छोड़ दिया गया है."
पंजाब के इन क्षेत्रों में हुई बारिश
बता दें कि कुछ दिन पहले पंजाब के लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर, पटियाला, मोगा, मोहाली और अन्य जिलों में भारी बारिश हुई हैं. इन सभी जिलों में धान की फसल की कटाई लगभग 70 प्रतिशत तक बाकी है.
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दिल्लीवासियों को प्रदूषण से मिली राहत
अचानक हुई बारिश व तेज हवाओं के चलते दिल्ली और इसके आस-पास सटे इलाकों में प्रदूषण से राहत मिली है. पंजाब में हुई बारिश ने खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, जिससे कई राज्यों को प्रदूषण से राहत की सांस मिली है. मीडिया रिपोर्टस् के अनुसार, पंजाब में सोमवार को भारी बारिश के कारण फसल अवशेष जलाने का कोई मामला सामने नहीं आया है.