आधुनिक खेती का स्मार्ट विकल्प है Yodha Plus Hybrid Bajra: कम समय और लागत में मिलता है ज्यादा मुनाफा! PM-Kisan 20वीं किस्त कब आएगी? ऐसे चेक करें स्टेटस, जानें आपको मिलेगा लाभ या नहीं ICAR-CIAE ने विकसित की नई ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर, जानें खासियत और कीमत किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 June, 2025 11:28 AM IST
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया CIAE भोपाल का किया दौरा

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आईसीएआर-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल का दौरा किया एवं कामकाज की समीक्षा की. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने वैज्ञानिकों, छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कृषि के विकास में संस्थान के योगदान की सराहना की और किसान-हितैषी प्रौद्योगिकियों के तीव्र विकास तथा विकसित प्रौद्योगिकियों को किसानों, विशेषकर छोटे किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर जोर दिया.

उन्होंने संस्थान द्वारा हाल के दिनों में किए गए कार्यों की समीक्षा की और संस्थान के एआईसीआरपी के नेटवर्क के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं की पहचान करने तथा अगले दस वर्षों में मशीनीकरण संबंधी क्रियाकलाप की योजना बनाने की जरूरत पर बल दिया, ताकि देश विकसित भारत अभियान की दिशा में एक तेजी से आगे बढ़ सके.

उन्होंने छोटे इंजन द्वारा संचालित या वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों से संचालित मशीनरी विकसित करने तथा सेंसर आधारित प्रणालियों के अलावा अन्य प्रणालियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि सभी वर्गों के किसानों का समावेशी विकास हो सके. उन्होंने देश के विभिन्न स्थानों पर किसान मेले आयोजित करने तथा सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श सत्र आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की, ताकि निकट भविष्य में देश में मशीनीकरण की रूपरेखा तैयार की जा सके. इसके अलावा उन्होंने खाद्य सुरक्षा, मृदा स्वास्थ्य तथा प्रयोगशाला से भूमि तक प्रौद्योगिकियों के प्रभावी हस्तांतरण के महत्व पर जोर दिया. शिवराज सिंह चौहान ने संस्थान द्वारा हाल ही में विकसित प्रौद्योगिकियों तथा उत्पादों को भी देखा तथा उनकी सराहना की.

कार्यक्रम में सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, उप महानिदेशक (इंजीनियरिंग) डॉ. एस.एन. झा, उप महानिदेशक (विस्तार) डॉ. ए.के. नायक, आईसीएआर-सीआईएई के निदेशक डॉ. सी.आर. मेहता तथा आईसीएआर-आईआईएसएस, भोपाल के निदेशक डॉ. एम. मोहंती  उपस्थित थे.

आईसीएआर-सीआईएई द्वारा विकसित ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर

 

ऊंचे क्यारियों का निर्माण, ड्रिप लेटरल और प्लास्टिक मल्च बिछाना तथा मल्च के नीचे बीज बोने का कार्य मैन्युअल रूप से करना कठिन, समयसाध्य और श्रमसाध्य होता है, जिसमें लगभग 29 मानव-दिन/हेक्टेयर की आवश्यकता होती है. इन सभी कार्यों को एक साथ करने के लिए ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर विकसित किया गया है.

इस यंत्र में ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक प्रणाली का उपयोग करके हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर) तथा चेन-स्प्रोकेट ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म संचालित किया जाता है, वहीं बीज मापने की इकाई में वैक्यूम ट्रैक्टर के पीटीओ से चलने वाले एस्पिरेटर ब्लोअर द्वारा तैयार किया जाता है.

एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म ड्राइविंग डिस्क की घूमने वाली गति को कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से स्लाइडर क्रैंक में ऊर्ध्वाधर गति में बदल देता है और पंच प्लांटिंग मैकेनिज्म के "D" प्रोफाइल को मिट्टी में खोलता है.

प्न्यूमैटिक बीज मापने वाली प्लेट और एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म को इस प्रकार समकालिक किया गया है कि मापने वाली प्लेट द्वारा उठाया गया बीज बंद "प्लांटिंग जॉ" में डाला जाता है, जो बीज को पकड़े रखता है और स्लाइडर क्रैंक के माध्यम से प्लास्टिक मल्च में प्रवेश करने के बाद उसे छोड़ता है.

यंत्र की प्रभावी कार्य क्षमता 0.2 हेक्टेयर/घंटा और कार्य कुशलता 74% है, जो 1.7 किमी/घंटा की गति और 1 मीटर कार्य चौड़ाई पर आधारित है.

यंत्र की कुल लागत ₹3,00,000/- और संचालन लागत ₹1500/घंटा है. इसका पेबैक पीरियड 1.9 वर्ष (444 घंटे) और ब्रेक-ईवन पॉइंट 70 घंटे/वर्ष है.

यंत्र में कतार से कतार की दूरी 0.5 से 0.9 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 0.2 से 0.6 मीटर को यांत्रिक रूप से समायोजित करने की सुविधा है.

यह यंत्र मौजूदा ड्रिप लेटरल-कम-प्लास्टिक मल्च लेयर मशीन की तुलना में 26 मानव-दिन/हेक्टेयर (89%) और ₹6600/हेक्टेयर (43%) की लागत की बचत करता है.

यह यंत्र प्लास्टिक मल्च में उच्च मूल्य वाली फसलें जैसे खरबूजा, ककड़ी, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, हरी मटर, भिंडी, फलियाँ आदि लगाने के लिए उपयुक्त है.

भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थानद्वारा विकसित ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर

English Summary: union minister shivraj singh visits icar ciae bhopal reviews farmer friendly technology plastic mulch layer planter
Published on: 23 June 2025, 11:36 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now