केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को मोहाली में iFANS-2023 का उद्घाटन किया है. बता दें कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वाधान में 'राष्ट्रीय जीनोम संपादन और प्रशिक्षण केंद्र (एनजीईटीसी)' और 'खाद्य और पोषण सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-2023 (iFANS) हो रहा है. चार दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में 500 से अधिक प्रतिभागी और 80 वक्ता हिस्सा ले रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, NGETC एक ऐसी अत्याधुनिक सुविधा है जो CRISPR-Cas मध्यस्थता और जीनोम संशोधन सहित विभिन्न जीनोम संपादन विधियों को अनुकूलित करने के लिए और क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच के रूप में काम करेगी.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार वर्तमान जलवायु परिदृश्य में, बेहतर पोषण और बदलती पर्यावरण परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता के लिए फसलों में सुधार करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है, वैज्ञानिकों के मुताबिक जीनोम एडिटिंग इसके लिए एक आशाजनक तकनीक हो सकती है और भारतीय अनुसंधान फसलों में निर्मित लक्षणों की पहचान के लिए अपना सकते हैं.
बता दें कि नेशनल एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (NABI) ने क्षमता दिखाई है कि वह केले, चावल, गेहूं, टमाटर, मक्का और बाजरा सहित फसलों के विशाल सरणी में जीनोम एडिटिंग टूल का विस्तार कर सकता है.
NABI में खाद्य और पोषण सुरक्षा पर सम्मेलन (iFANS-2023) का उद्देश्य जीनोम संपादन, खाद्य और पोषण जैव प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक साथ लाना है. बता दें कि खाद्य और पोषण सुरक्षा एक वैश्विक मुद्दा है और युवा शोधकर्ताओं और छात्रों को प्रेरित करने के लिए यह सम्मेलन एक प्रासंगिक साधन बन सकता है.
बता दें कि नेशनल एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (NABI), सेंटर फॉर इनोवेटिव एंड एप्लाइड बायोप्रोसेसिंग (CIAB), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट बायोटेक्नोलॉजी (NIPB), और इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (ICGEB) आगामी आयोजन के लिए सहयोग करेंगे.
बता दें कि 'खाद्य और पोषण सुरक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-2023 सेंटर फॉर इनोवेटिव एंड एप्लाइड बायोप्रोसेसिंग (CIAB), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट बायोटेक्नोलॉजी (NIPB) और इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी के द्वारा संयुक्त रूप से मोहाली में आयोजित किया जा रहा है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि सम्मेलन में कृषि, खाद्य और पोषण जैव प्रौद्योगिकी और जीनोम संपादन के क्षेत्रों के संबंध में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और युवा शोधकर्ताओं को एक साथ लाने की परिकल्पना की गई है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मुताबिक खाद्य और पोषण सुरक्षा एक वैश्विक मांग है. जिसके मद्देनजर iFANS 2023 सम्मेलन युवा छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए सबसे बेहतरीन मंच है. इस सम्मेलन में उन्नत जैव प्रौद्योगिकी उपकरण जैसे कि CRISPR-Cas9 का उपयोग करके जीनोम संपादन से इन लक्ष्यों को स्थायी तरीके कैसे प्राप्त करें उसकी जानकारी शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के द्वारा मिलेगी.
सम्मेलन के लिए 500 से अधिक प्रतिभागियों ने कराया पंजीकरण: बता दें कि इस सम्मेलन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है. वहीं 80 वक्ता (40 अंतरराष्ट्रीय और 40 राष्ट्रीय) चार दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में अपनी बात रखेंगे.