प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के 4 बैंकों में विलय के व्यापक एकीकरण को मंजूरी दे दी है. यह विलय 01 अप्रैल, 2020 से प्रभावित होगा और इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र के 7 बड़े बैंकों का व्यापक स्तर पर सृजन होने के अलावा प्रत्येक व्यापक एकीकरण में 80 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार के साथ-साथ इसकी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच होगी. व्यापक स्तर पर हुए इस एकीकरण से बैंकों को न सिर्फ वैश्विक बैंकों के साथ तुलनात्मक क्षेत्र में अपितु भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने में मदद मिलेगी. इस विलय में शामिल हैं-
1. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय
2. सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय
3.आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय
4. इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय
इस एकीकरण के माध्यम से बड़े पैमाने पर लागत लाभ को सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय बैंकिंग प्रणाली में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक और सकारात्मक प्रभाव का विस्तार करने में सक्षम बनेंगे.
इसके अतिरिक्त, इस एकीकरण से इन बैंकों में बड़े स्तर के ऋणों में सहायता के साथ-साथ व्यापक वित्ती्य क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक कार्य संचालनों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. सभी एकीकृत बैंकों में सर्वोत्तकम कार्य प्रणालियों को अपनाने से बैंकों में उनकी लागत कुशलता और जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा एवं व्यारपक पहुंच के माध्यकम से वित्तीशय समावेशन के लक्ष्या में भी वृद्धि होगी. सभी एकीकृत बैंकों में उन्न्त तकनीकियों को अपनाने से न सिर्फ व्यावपक योग्य समूह और एक बड़े डाटा बेस तक पहुंच होगी, अपितु सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तेजी से डिजिटल होते बैंकिंग परिदृश्य में विश्लेषणात्मुक कार्य क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धा का लाभ लेने की स्थिति में होंगे.
आम आदमी और किसानों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
विलय होने के बाद ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है. जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डिटेल्स इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) आदि में अपडेट करवाने होंगे. वहीं SIP या लोन EMI के लिए ग्राहकों को नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है.
ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) या रेकरिंग डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं होगा. इसके अलावा जिन ब्याज दरों पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन आदि लिए गए हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा.
हो सकता है नया चेकबुक या डेबिट कार्ड जारी
नया चेकबुक, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड जारी हो सकता है. कुछ शाखाएं भी बंद हो सकती हैं, इसलिए ग्राहकों को नई शाखाओं में जाना पड़ सकता है. विलय के बाद एंटिटी को सभी इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरिंग सर्विस (ECS) निर्देशों और पोस्ट डेटेड चेक को क्लीयर करना होगा.