Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 5 June, 2025 3:40 PM IST
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अभियान के 8वें दिन पंजाब के किसानों से मिले

‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ लगभग अपना आधा पड़ाव पूरा कर चुका है. अब-तक लाखों किसान इस अभियान से जुड़ चुके हैं और यह सिलसिला जारी है. इसी के अंतर्गत आज इस अभियान के 8वें दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के किसानों से संवाद किया. इस अवसर पर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर एस. एस. भूषण, वैज्ञानिक व अधिकारी कार्यक्रम में शामिल रहे.

इस अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों तक विज्ञान व शोध की जानकारी पहुंचाने के लिए और ‘लैब टू लैंड’ को जोड़ने के लिए ही ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की गई है. इस अभियान के तहत वैज्ञानिक जिस भी गांव का दौरा करते हैं, वहां के क्षेत्र की पूर्व जानकारी लेकर जाते हैं और उसी के अनुसार किसानों से संवाद किया जाता है. मिट्टी के पोषक तत्वों, जलवायु को ध्यान में रखते हुए कौन सी किस्म के जरिए पैदावार को बढ़ाया जा सकता है, उसकी जानकारी दी जाती है. साथ ही वायरस अटैक व कीटनाशकों की भी सही जानकारी दी जाती है. इस अभियान के जरिए खेत की जरूरत के अनुसार ही शोध की दिशा तय करने का काम किया जा रहा है.

शिवराज सिंह ने कहा कि आज मैंने ट्रैक्टर चलाकर किसानों की व्यावहारिक समस्या को समझने की कोशिश की. इस अभियान के बाद हर क्षेत्र से जो जानकारियां एकत्र होंगी उसी के आधार पर आगे की कृषि नीतियां बनाई जाएंगीं.

चौहान ने कहा कि पंजाब की इस धरा को मैं बारंबार हृदय से प्रणाम करता हूं. यह वो धरती है जिसने कई वर्षों तक पूरे हिंदुस्तान के अन्न के भंडार भरने का काम किया है. एक समय था जब हम अमेरिका का खराब गुणवत्ता वाला गेहूं पीएल 480 खाने पर मजबूर थे. लेकिन हरित क्रांति ही है जिसने हमें इससे मुक्ति दिलाई. पंजाब के किसानों, पंजाब के किसानों के जूनुन और पंजाब के किसानों के जज्बे को मैं प्रणाम करता हूं. पंजाब के किसानों को उनके अमूल्य प्रयासों के लिए बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं.

शिवराज सिंह ने कहा कि मुझे प्रसन्नता हो रही है यह बताते हुई कि आज देश में गेहूं के उत्पादन में रिकॉर्ड स्तर पर वृद्धि हुई है. गेहूं उत्पादन अपने उच्चतम स्तर पर है. इसके साथ-साथ चावल, मक्के, मूंगफली और सोयाबीन के उत्पादन में भी रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. दलहन-तिलहन में उत्पादन वृद्धि के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. आज देश अन्न के लिए किसी पर निर्भर नहीं है.

पंजाब में बागवानी के लिए भी हैं अपार संभावनाएं: केंद्रीय कृषि मंत्री

चौहान ने कहा कि धान की पुरानी रोपाई की पारंपरिक पद्धति में पानी के साथ-साथ श्रम और लागत भी बहुत ज्यादा लगती थी. लेकिन अब नई आधुनिक तकनीक के जरिए सीधे बीज के माध्यम से बुआई की पद्धति का भी विकास हो चुका है. गेहूं की भांति अब चावल भी मशीन के जरिए बीज के माध्यम से बोया जा सकता है. कई किसानों ने इस संबंध में मुझसे अपने अनुभव भी साझा किए हैं. पंजाब के किसानों ने बताया कि नई पद्धति से उत्पादन के स्तर में भी कोई बदलाव नहीं आता. जितना उत्पादन पारंपरिक रोपाई के माध्यम से होता है उसी प्रकार डायरेक्ट सीडिंग से भी धान की उपज होती है और इस पद्धति को अपनाने से श्रम और लागत में भी काफी बचत होती है.

चौहान ने कहा कि हमें कीटनाशकों का संतुलित उपयोग भी करना होगा. अनावश्यक अत्यधिक कीटनाशकों के प्रयोग से कृषि की लागत बढ़ती है और फसल की गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है. पंजाब की धरती पर हर किस्म की खेती की जा सकती है. बागवानी के लिए भी व्यापक संभावनाएं हैं. निर्यात गुणवत्ता वाले फल और सब्जियों के उत्पादन के लिए भी प्रयास करने होंगे.

कृषि के लिए हमारे छह प्रमुख उद्देश्यों- उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन का सही दाम सुनिश्चित करना, फसलों के नुकसान की स्थिति में भरपाई, विविधिकरण और सचेत रहते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए भी धरती को सुरक्षित रखना शामिल हैं. चौहान ने सिंधु जल समझौता पर भी बात की और कहा कि यह अन्यायपूर्ण जल समझौता रद्द करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का कदम स्वागत योग्य है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के किसान इस समझौते से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, लेकिन अब भारत का पानी भारत के किसानों के लिए इस्तेमाल होगा.

‘केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत पंजाब के पटियाला में किसान से संवाद किया।

अंत में चौहान ने कहा कि किसानों की सेवा ही मेरा धर्म है. उत्पादन बढ़े और किसान समृद्धि की ओर बढ़े तभी कृषि मंत्री के रूप में मेरे दायित्व की सार्थकता सिद्ध होगी.

English Summary: Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan met the farmers of Punjab on the 8th day of the campaign
Published on: 05 June 2025, 03:48 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now