केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर मंगलवार किसानों और किसान संगठनों से संवाद की शुरुआत की है. इस क्रम में उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा. किसान की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा के समान है. जब मैं 100 दिन की उपलब्धियों की चर्चा कर रहा था, तब यह निर्णय लिया था कि हर मंगलवार को किसानों या किसान संगठनों से सीधा संवाद करूंगा. क्योंकि कई बार दफ्तर में बैठकर समस्याओं को समझ पाना मुश्किल होता है. इसलिए जिनकी समस्याएं हैं, उनसे सीधे संवाद करना और उनका समाधान निकालना हमारा कर्तव्य है.”
आज के संवाद के दौरान, उन्होंने लगभग 50 किसान नेताओं से मुलाकात की और उनके अनेकों सुझाव प्राप्त किए. इन सुझावों में फसलों के मूल्य, फसल बीमा योजना, आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान, और फसल के दौरान फैसलों से संबंधित मुद्दे शामिल थे. चौहान ने बताया कि वह अपनी टीम के साथ मिलकर इन सभी सुझावों पर विचार करेंगे और जो संभव होगा, उस पर अमल करने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने कहा, “सौहार्दपूर्ण वातावरण में किसान संगठनों के साथ चर्चा हुई. कई किसानों ने मोदी जी के निर्णयों की सराहना की है. जैसे पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 27.5% कर दी गई, बासमती पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस हटाई गई, प्याज निर्यात पर ड्यूटी 40% से घटाकर 20% की गई, और तुअर, उड़द और मसूर की सरकारी खरीद का निर्णय लिया गया. किसानों ने इन सभी फैसलों की प्रशंसा की है.” अंत में, उन्होंने कहा, “यह संवाद का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. हम अपने किसानों से नियमित संवाद करते रहेंगे और उनकी समस्याओं का ईमानदारी से समाधान करने का प्रयास करेंगे.”
वहीं, इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था. इस दौरान उन्होंने खेती से जुड़े कई मुद्दों पर सुझाव दिए.
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) द्वारा प्रमुख सुझाव:
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की समीक्षा
न्यूनतम समर्थन मूल्य में राज्यों से फसल की लागत के मिलने वाले लागत मूल्य के आँकड़े के आधार पर एमएसपी लागत सी2 का डेढ़ गुना तय किया जाए. कृषि निर्यात को अनुमान के आधार पर न रोका जाये, क्योंकि कृषि निर्यात को रोकने से किसान की कृषि उपज का मूल्य गिर जाता है.
2. अन्य कृषि उत्पादों के लिए एमएसपी
केवल अनाज ही नहीं, बल्कि फल, सब्जी, दूध और शहद के लिए भी एमएसपी तय की जाए.
3. न्यूनतम विक्रय मूल्य
एमएसपी से नीचे किसी भी फसल का मूल्य न जाए, इसके लिए न्यूनतम विक्रय मूल्य तय की जाए.
4. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार
छोटे किसानों के लिए बीमा प्रीमियम को शून्य करने और नुकसान का सही मुआवजा देने की मांग की गई.
5. भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार
किसानों को भूमि अधिग्रहण के समय पुनर्वास और पुनर्स्थापन का लाभ देने की मांग की गई.
6. जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम से बचाव
सरकार को फसलों पर जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए.
7. ई-कॉमर्स कंपनियों की भागीदारी
ई-कॉमर्स कंपनियों को कृषि की पूरी वैल्यू चेन में जोड़ने का सुझाव दिया.
8. कर्ज माफी
देशभर के किसानों के कर्ज माफ करने की मांग की गई.
9. प्रमाणिक बीज और कीटनाशक की उपलब्धता
किसानों को सस्ते और प्रमाणिक खाद-बीज एवं कीटनाशक उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया.
10. किसान सम्मान निधि में सुधार
किसान सम्मान निधि को 12,000 रुपये वार्षिक करने और प्रक्रिया को आसान बनाने का सुझाव दिया गया.
11. किसान क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण में सुधार
किसान क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण में सिर्फ ब्याज का भुगतान लिया जाए, पूरा भुगतान नहीं.
12. कृषि विस्तार विभाग की सक्रियता
किसानों को नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए कृषि विस्तार विभाग को सक्रिय करने की मांग की गई.
13. कृषि आयात पर प्रतिबंध
आवश्यकता से अधिक और असमय कृषि आयात पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया गया.
14. कृषि उत्पादों को जीएसटी से मुक्त करना
खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि को जीएसटी से मुक्त करने की मांग की गई.