कश्मीर केवल अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि बागवानी और कृषि के क्षेत्र के तमाम उत्पादों के लिए भी पहचाना जाता है. ऐसा ही उत्पाद है केसर जो कश्मीर में बड़ी मात्रा में उगाया जाता है. सरकार भी कश्मीरी किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर कश्मीर प्रवास के दौरान पुलवामा के पम्मोर स्थित भारत अन्तर्राष्ट्रीय कश्मीर केसर व्यापार केंद्र (IIKSTC) पहुँचे और केसर उत्पादक किसानों से रूबरू हुए.
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने 400 करोड़ रूपए के राष्ट्रीय केसर मिशन के अंतर्गत कश्मीर को अभी तक 266 करोड़ रूपए से ज्यादा राशि प्रदान की है, वहीं इस केंद्र-विशेष के लिए 38 करोड़ रूपए से ज्यादा दिए गए है.
कृषि मंत्री का उद्बोधन (The Agriculture Minister's speech)
कार्यक्रम में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का ताज है और भारत सरकार इसके विकास के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र द्वारा पैसों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. सभा में केंद्रीय मंत्री तोमर ने किसानों-केसर उत्पादकों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए सभी प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री द्वारा देश में किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं और इससे जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा है. एक लाख करोड़ रूपए के एग्री इंफ्रा फंड से किसानों को खेतों के पास ही काफी सुविधाएं मिलेगी. केंद्र व राज्य सरकार हमेशा किसानों के साथ है.
अंतर्राष्ट्रीय कश्मीर केसर व्यापार केंद्र का किया निरीक्षण (Inspected the International Kashmir Saffron Trade Center)
जम्मू-कश्मीर के लिए भारत सरकार के सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम के एक भाग के रूप में पहुंचे केंद्रीय मंत्री तोमर, राज्य मंत्री कैलाश चौधरी व शोभा करंदलाजे तथा संसद सदस्यों ने अंतर्राष्ट्रीय कश्मीर केसर व्यापार केंद्र में ड्रायिंग सेक्शन, स्टिग्मा सेप्रेशन, कोल्ड स्टोरेज, हाई-टेक क्वालिटी कंट्रोल लैब, पैकेजिंग सेक्शन और ई-ऑक्शन सेंटर सहित अन्य आधुनिक सुविधाओं का जायजा लिया.
IIKSTC के कामकाज की जानकारी दी(Informed About The Functioning Of IIKSTC)
कश्मीर के निदेशक (कृषि) चौधरी मोहम्मद इकबाल व विशेषज्ञों ने उन्हें IIKSTC के कामकाज की जानकारी दी. निदेशक ने बताया कि जियो टैगिंग सुविधा ने विपणन मूल्य के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विपणन मंच पर केसर की पहुंच में वृद्धि की है. IIKSTC में किसानों को ई-नीलामी सुविधा प्रदान की जाती है, यह किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए एक बहुआयामी विपणन सुविधा है. इसके द्वारा उन्हें अपनी उपज का अधिकतम लाभ मिलता है.
कार्यक्रम में उपस्थित थे कई अधिकारी(Many officials were present in the program)
कार्यक्रम में उप राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान, केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल, अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल, संसदीय मामलों के केंद्रीय अतिरिक्त सचिव सत्य प्रकाश, नेफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा,केंद्रीय संयुक्त सचिव (बागवानी)राजबीर सिंह, कश्मीर के महानिदेशक(बागवानी)एजाज अहमद भट भी उपस्थित थे.
कश्मीर के किसानों का क्या है कहना (What Do The Farmers Of Kashmir Have To Say)
मंत्रियों व सांसदों के दल के साथ केसर उत्पादकों, प्रगतिशील किसानों व हितधारकों का संवाद-सत्र आयोजित किया गया, जिस दौरान किसानों ने कहा कि पहले उन्हें केसर के लगभग एक लाख रूपए प्रति किलो के भाव ही मिल पाते थे लेकिन प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग व अन्य सुविधाएं विकसित होने से उन्हें केसर की दुगुनी से ज्यादा कीमत मिल पा रही है और केसर की अच्छी गुणवत्ता के कारण निर्यात के भी बेहतर अवसर उपलब्ध हुए हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय केसर की पहचान बनेगी. अब उत्पादकता बढ़ रही है और अच्छी पैकेजिंग व सही क्वालिटी होने से उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ मिल पाएगा, वरना पहले कई बार कश्मीरी केसर के नाम पर मिलावटी केसर की भी बिक्री होती थी.
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