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Updated on: 11 June, 2025 6:23 PM IST
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान

विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA) के अंतर्गत आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वरिष्ठ अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के साथ दिल्ली के बाहरी इलाके स्थित तिग्गीपुर गांव का दौरा किया. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली एवं कृषि विज्ञान केंद्र दिल्ली द्वारा आयोजित यह दौरा किसानों की समस्याएं सुनने, वैज्ञानिकों से संवाद स्थापित करने और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को तेज गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास था.

चौहान का गांव पहुंचने पर किसानों और वैज्ञानिकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने सबसे पहले गांव के खेतों में चौपाल लगाई, जहाँ बीज उत्पादन, पॉलीहाउस खेती, स्ट्रॉबेरी उत्पादन और अन्य उच्च मूल्य फसलों से जुड़े किसानों से संवाद किया. उन्होंने नवाचार करने वाले किसानों के अनुभव सुने और उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे प्रयोगशील किसान देश की नई खेती के अग्रदूत हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि अब तक दिल्ली के किसान केंद्र सरकार की कई योजनाओं से वंचित थे, लेकिन अब यह स्थिति बदलेगी. “दिल्ली के किसान अब आत्मनिर्भर भारत के सपनों में पूरी भागीदारी निभाएंगे. केंद्र की हर कृषि योजना का लाभ अब दिल्ली के किसानों को भी मिलेगा,” उन्होंने जोर देकर कहा. इसके बाद चौहान ने ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन देखा जिसमें कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव की आधुनिक विधियों को प्रस्तुत किया गया. उन्होंने वैज्ञानिकों से तकनीक की लागत, प्रभावशीलता और अनुकूलन के बारे में जानकारी ली. मंत्री जी ने पैदल भ्रमण कर अन्य किसानों से सीधा संवाद किया, उनकी खेती-बाड़ी से जुड़ी बातें जानीं.

तिग्गीपुर में एक भव्य किसान सभा का आयोजन भी किया गया जिसमें ICAR के डायरेक्टर जनरल डॉ. एम. एल. जाट, ICAR-IARI के निदेशक डॉ. सी. एच. श्रीनिवास राव, और अनेक वैज्ञानिकों, कृषि विभाग के अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया.

डॉ. जाट ने अपने संबोधन में कहा, विकसित कृषि संकल्प अभियान केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि किसान और वैज्ञानिकों के बीच सहयोग की एक जीवंत मिसाल है. यह अभियान हमें जमीनी स्तर से नीति निर्माण की दिशा में ले जा रहा है.

सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा की अब अनुसंधान बंद कमरों में नहीं, खेतों में किसानों के साथ मिलकर होगी. ICAR और IARI के वैज्ञानिक गांव-गांव पहुंचकर जो फीडबैक लाएंगे, उसी के आधार पर किसानों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी.

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पिछले 15 दिनों में देशभर में ICAR की 2170 से अधिक टीमों ने किसानों के बीच जाकर तकनीकी जागरूकता फैलाई है. उन्होंने स्वयं 15 राज्यों में 15 दिन के भीतर किसानों से सीधा संवाद किया है. किसानों की समस्याओं को सुनकर जो समाधान मिल सके, उसके लिए त्वरित कार्य किया गया है और बाकी पर गंभीरता से प्रयास जारी हैं. कृषि मंत्री ने किसानों को मिट्टी की गिरती उर्वरता पर चेताया और आग्रह किया कि “मिट्टी की जांच अवश्य कराएं, और सॉइल हेल्थ कार्ड के आधार पर फसल का चयन करें. यही टिकाऊ कृषि का आधार है.” उन्होंने बताया कि सरकार का विशेष फोकस अब फसल विविधीकरण, बाजारोन्मुखी खेती, और बागवानी आधारित मॉडल  पर है. “दिल्ली जैसे क्षेत्रों को हॉर्टिकल्चर हब के रूप में विकसित किया जा सकता है क्योंकि यहां बाजार की उपलब्धता बहुत मजबूत है.”

चौहान ने कहा, अब तकनीक के बिना खेती में प्रतिस्पर्धा संभव नहीं. खेती हो या मार्केटिंग – दोनों में किसानों को टेक्नोलॉजी का साथ लेना होगा. केंद्र सरकार इसके लिए हर स्तर पर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है. कार्यक्रम के दौरान ICAR और IARI के अनेक वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित रहे, जिन्होंने किसानों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया और उन्हें आगामी खरीफ मौसम में अपनाई जाने वाली उन्नत तकनीकों की जानकारी दी.

यह कार्यक्रम विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत दिल्ली में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य किसानों को जागरूक करना, नवाचारों से जोड़ना और अनुसंधान को जमीन से जोड़कर कृषि में सुधार लाना है.

English Summary: Union Agriculture Minister held Chaupal and Kisan Sabha in Tiggippur village of Delhi basis of feedback from farmers
Published on: 11 June 2025, 06:26 PM IST

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