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Updated on: 31 May, 2020 12:38 PM IST

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अब देश के दो अन्य राज्यों ने भी मुंह मोड़ लिया है. भारत के दो राज्य तेलंगाना और झारखण्ड ने हाल ही में इस योजना को बंद करने का फैसला किया है. दोनों राज्यों का यह मानना है कि किसानों के लिए शुरू की गयी इस स्कीम में किसानों को कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है. किसानों से लिए जाने वाली प्रीमियम को अधिक बताते हुए राज्यों ने इसे बंद करने का फैसला लिया है.

इस स्कीम को किसानों के लिए स्वैच्छिक किये जाने के बाद प्रीमियम 2 से 3 फीसदी बढ़ गयी थी. वहीं अगर दोनों राज्यों में किसानों की संख्या की बात करें तो लगभग 60 लाख किसानों ने इस स्कीम के लिए पंजीकरण कराया था. तेलंगाना और झारखण्ड ऐसे पहले राज्य नही हैं जिन्होंने इस योजना से किनारा किया है इससे पहले पश्चिम बंगाल, बिहार,पंजाब और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने भी इस स्कीम को बंद करने का फैसला किया था.

वहीं अगर सूत्रों की मानें तो आगे महाराष्ट्र और राजस्थान भी इस स्कीम से बहार निकलने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. इस स्कीम की रुपरेखा की अगर बात करें तो इसमें प्रीमियम का दो फीसदी हिस्सा किसानों से वसूल किया जाता है. इसके अलावा बची हुई राशि का हिस्सा केंद्र और सज्य सरकार की ओर से दिया जाता है. इसमें दोनों ही सरकारें प्रीमियम का आधा- आधा हिस्सा अदा करती हैं. राज्यों ने स्कीम बंद करने का यह भी हवाला दिया है कि यह राशि काफी अधिक है. वहीं एक बड़े अख़बार में दिए गए अधिकारी के बयान की बात करें तो उन्होंने कहा है की केंद्र ने कुछ इलाकों में अपने शेयर को सिमित रखा है और बचे हुए हिस्से का भुगतान राज्य सरकारों और किसानों को करना होता है. इसी बीच अगर कुछ जानकारों की मानें तो यह किसानों को लेकर कुछ पार्टियों में राजनीति का हिस्सा है. 

वहीं कुछ अधिकारियों के अनुसार किसानों की संख्या कम होने से भी सरकारों पर असर पड़ेगा. किसानों की कम होती संख्या के चलते प्रीमियम में होता इज़ाफ़ा की भरपाई भी सरकारों को अपनी ओर करना होगा. प्रीमियम में सिंचित भूमि के लिए 25 फीसदी और असिंचित भूमि के लिए 30 फीसदी का प्रीमियम तय किया गया है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में लॉन्च की थी. इस योजना से जुड़ने के लिए किसानों को 10 दिन के भीतर बीमा करवाना होता है. फसलों को किसी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, बारिश, या किसी अन्य कारणवश नुकसान पहुँचता है तो किसानों को बीमा का लाभ दिया जायेगा. इसमें किसान के पास अपनी ज़मीन होना अनिवार्य नहीं है. किसानों को फसल बुवाई के 10 दिन के भीतर बीमा करवाना जरुरी होता है. वहीं लाभ की अवधि 14 दिन है अगर फसल काटने के इतने दिनों  के अंदर बारिश या किसी प्राकृतिक आपदा से फसल ख़राब हो जाये तो किसानों को लाभ मिलेगा. बता दें कीअब तक 6 राज्य पीएम फसल बीमा योजना के दायरे से बाहर हो चुके हैं.

English Summary: Two states will discontinue Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana
Published on: 31 May 2020, 12:46 PM IST

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