Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 10 March, 2023 12:00 AM IST
तमिलनाडु में दो दिवसीय मोटा अनाज मेला आयोजित

भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने तमिलनाडु के मदुरै में 6-7 मार्च, 2023 को दो दिवसीय मोटा अनाज मेला सह-प्रदर्शनी का आयोजन किया.

मेला सह प्रदर्शनी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा तमिलनाडु सरकार के कृषि विपणन और कृषि विभाग के सहयोग से मोटा अनाज महोत्सव श्रृंखला के भाग के रूप में आयोजित किया गया था.

तमिलनाडु विभिन्न मोटे अनाजों की उपज के लिए जाना जाता है. इन अनाजों में पर्ल मिलेट (बाजरा), ज्वार, रागी, लिटिल मिलेट-कुटकी (फॉक्सटैल मिलेट-कंगनी, सावां, कोदो, चेना-पुनर्वा) तथा स्मॉल मिलेट शामिल हैं. वर्ष 2019-20 में मदुरै जिले में 3,548 टन बाजरा, 22,405 टन ज्वार, 69 टन रागी तथा 130 टन स्मॉल मिलेट की पैदावार हुई.

कार्यक्रम के दौरान सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों की प्रधानमंत्री औपचारीकरण (पीएमएफएमई) योजना के अंतर्गत पहले कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र मदुरै में किया गया. कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर ढाल प्रसंस्करण तथा फल एवं सब्जी प्रसंस्करण के लिए स्थापित किया गया है.

आत्मनिर्भर भारत की भावना के साथ जोड़ने तथा उद्यमिता विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक कृषि हैकथॉन का आयोजन किया गया. इसमें महत्वाकांक्षी उद्यमियों को नवाचारी कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों पर अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया. यह आयोजन सकारात्मक दृष्टि से सफल रहा और इसके लिए 400 से अधिक आवेदन प्रस्तुत किये गये. चयनित आवेदकों को बूट कैम्प प्रशिक्षण के गुजरना पड़ा, जिसमें से चार आवेदकों को फंडिंग अनुदान, मेंटरशिप और हैंड होल्डिंग सपोर्ट के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया.

गणमान्य व्यक्तियों ने सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को मोटा अनाज प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यम को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 17 मोटे अनाज आधारित ब्रांड भी लॉन्च किये. इसके अतिरिक्त तमिलनाडु विश्वविद्यालय द्वारा मोटे अनाजों पर एक पुस्तक भी लॉन्च की गयी. बाद में गणमान्य व्यक्ति मोटे अनाज आधारित उत्पाद प्रदर्शनी देखने गये. 150 से अधिक स्टॉल में मोटे अनाज आधारित मूल्यवर्धित उत्‍पाद तथा नवाचारी मोटे अनाज आधारित व्यंजन विधि दिखाई गई थी.

दो दिवसीय आयोजन का उद्देश्य सूक्ष्म और खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को क्रेता-विक्रेता बैठक के दौरान आयोजित बी2बी और बी2सी इंटरेक्शन के माध्यम से अग्रणी उद्योग के लोगों के साथ बातचीत करने के लिए मंच उपलब्ध कराना था. प्रतिभागियों ने विपणन, ई-कॉमर्स, ऑनलाइन और ऑफलाइन, खुदरा के लिए गुणवत्ता मानकों आदि की गहरी समझ के लिए संगठनों के साथ बातचीत की.

इस आयोजन से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के सभी हितधारक मोटे अनाजों पर विशेष ध्यान देने के साथ एक समान मंच पर आये और इसमें विभिन्न मोटे अनाज आधारित उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री, 19 स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार 45 मोटे अनाज आधारित व्यंजनों का प्रदर्शन करने वाली लाइव रसोई, मोटे अनाज व्यंजन विधि, खाना पकाने की प्रतियोगिता, कृषि-हैकथॉन, मोटे अनाजों पर सूचनात्मक सत्र जैसी गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला को शामिल किया गया. क्रेता-विक्रेता बैठक, उद्योग विशेषज्ञों तथा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, एसएचजी, खाद्य प्रसंस्करण में लगे एफपीओ के बीच इंटरेक्टिव सत्र आयोजित हुए.

मोटा अनाज महोत्सव के अतिरिक्त मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 3 से 5 नवंबर 2023 तक मेगाफूड इवेंट वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 भी आयोजित किया जा रहा है ताकि सभी हितधारक यानी उत्पादक, खाद्य प्रोसेसर, उपकरण निर्माता, लॉजिस्टिक सहयोगी, कोल्ड चेन सहयोगी, टेक्नॉलोजी प्रदाता, शिक्षाविद् स्टार्टअप और इनोवेटर्स, खाद्य खुदरा विक्रेता को आपसी बातचीत और संवाद के लिए अनूठा मंच प्रदान किया जा सके. यह आयोजन गणमान्य व्यक्तियों, वैश्विक निवेशकों तथा प्रमुख वैश्विक तथा घरेलू कंपनियों के अग्रणी लोगों का अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा जो भारत को वैश्विक खाद्य परिदृश्य पर मजबूती के साथ रखेगा.

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किये जाने को देखते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय मोटे अनाज के पोषण लाभ, मूल्य संवर्धन उपभोग तथा निर्यात क्षमता के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से देश के 20 राज्यों और 30 जिलों में मोटा अनाज महोत्सव की मेजाबनी कर रहा है. महोत्सव आयोजनों की मेजबानी करने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, पंजाब, केरल, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड शामिल हैं.

130 से अधिक देशों में उगाये जाने वाले मोटे अनाज एशिया और अफ्रीका में आधे अरब से अधिक लोगों के लिए पारम्परिक भोजन हैं. मोटे अनाज आजीविका उत्पन्न करने, किसानों की आय बढ़ाने तथा विश्व में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी विशाल क्षमता के आधार पर महत्वपूर्ण हैं. भारत वैश्विक उत्पादन में लगभग 41 प्रतिशत की अनुमानित हिस्सेदारी के साथ विश्व में मोटे अनाज के अग्रणी उत्पादकों में से एक है. मोटे अनाजों की विशाल क्षमता को स्वीकार करते हुए, जो अनेक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ भी जुड़े हैं, भारत सरकार ने मोटे अनाजों को प्राथमिकता दी है. माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईओएम) 2023 के लिए भारत सरकार के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा स्वीकार किया गया था. यह घोषणा भारत सरकार के लिए आईवाईओएम मनाने में अग्रणी रहने में महत्वपूर्ण रही है.

पीएमएफएमई योजना के बारे में-

सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का प्रधानमंत्री औपचारीकरण (पीएमएफएमई) योजना खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा 29 जून 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान के भाग के रूप में शुरू की गई केंद्र प्रायोजित योजना है. इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्रों में व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना तथा इस क्षेत्र के औपचारीकरण को प्रोत्साहन देना है.

यह योजना देश में सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यवसायिक सहायता प्रदान करती है. योजना संबंधित राज्यों की राज्य नोडल एजेंसियों के निकट सहयोग से लागू की जाती है. सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने योजना को लागू करने के लिए नोडल एजेंसियों की नियुक्ति की है. व्यक्तिगत उद्यमों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के लिए आवेदन जिला स्तर पर स्वीकार किये जाते हैं जबकि समूहों के लिए आवेदन राज्य स्तर/खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय स्तर पर अनुमोदित किये जाते हैं. पीएमएफएमई योजना के लिए एमआईएस पोर्टल खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के उन्नयन के लिए क्रेडिट-लिंक्ड-सब्सिडी के लिए व्यक्तिगत आवेदन प्राप्त कर रहा है. 

ये भी पढ़ेंः दिल्ली एम्स में शुरू होगी बाजरे की कैंटीन

निगरानी और स्वीकृति के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में राज्य तथा जिला स्तर पर समितियां बनाई गयी हैं. पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत दस लाख रुपये की अधिकतम सब्सिडी के साथ खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के लिए 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाएगी तथा सामान्य अवसंरचना के लिए अधिकतम तीन करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी.

अधिक जानकारी के लिए www.pmfme.mofpi.gov.in देखें.

English Summary: Two-day millets fair organized in Madurai, Tamil Nadu, made aware of coarse grains
Published on: 09 March 2023, 06:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now