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Updated on: 30 September, 2025 2:48 PM IST
सफल डेयरी फार्मिंग उद्यमिता पर प्रशिक्षण

कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा, दिल्ली के तत्वावधान में दिनांक 19 सितम्बर से 29 सितम्बर, 2025 तक "नवीन प्रौद्योगिकी के साथ डेयरी पालन" विषय पर 10 दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया. इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य दिल्ली एवं आस-पास के राज्यों के लघु एवं सीमांत किसानों, युवाओं एवं नवयुवतियों को नवीन प्रौद्योगिकी के साथ डेयरी पालन के क्षेत्र में उद्यमिता एवं स्वरोजगार के अवसरों हेतु कौशल एवं क्षमता विकास प्रदान करना था.

प्रशिक्षण का उद्घाटन

केंद्र के अध्यक्ष डॉ. डी. के. राणा ने प्रशिक्षण का उद्धाटन करते हुए बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में केन्द्र की यह अच्छी पहल है, क्योकिं पशु पालन और डेयरी व्यवसाय स्वरोजगार के साथ साथ देश का राजस्व उत्पन्न करने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है. डॉ. राणा ने कहा कि दूध प्रसंस्करण के क्षेत्र में उभरता हुआ धटक है, यदि उधमी डेयरी फार्मिग की शुरुआत करना चाहे तो उनकों प्रसंस्करण की जानकारी भी अवश्य प्राप्त करनी चाहिए ताकि दुग्ध के मूल्य सवंर्धित उत्पादों से अच्छी आय अर्जित कर सकते है. इसी क्रम में डा राणा ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल कृषि आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक सशक्त कदम होगा, बल्कि इससे ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में नई प्रेरणा और दिशा देगा .

कार्यक्रम का शुभारंभ एवं प्रारंभिक सत्र

प्रशिक्षण की शुरुआत 19 सितम्बर 2025 को डॉ. जय प्रकाश, विशेषज्ञ (पशुपालन) के संचालन में हुई. उन्होंने ने प्रशिक्षुकों को आधुनिक डेयरी फार्मिंग का परिचय और सिद्धांत, आधुनिक तकनीकों द्वारा देशी नस्लों के संवर्धन एवं उन से अधिक उत्पादन क्षमता वाले पशुओं की नस्ल तैयार करना, आवास प्रबंधन, गाय और भैंस की विभिन्न नस्लें और उनका पोषण प्रबंधन, डेयरी फार्म में प्रजनन के लिए विभिन्न प्रबंधन पद्धतियां, डेयरी फार्मिंग के विभिन्न जीवाणु और वायरल रोग का प्रबंधन एवं टीकाकरण, दूध और दुग्ध उत्पादों में मूल्यवर्धन, दूध से विभिन्न उत्पाद, गाय/भैंस में जातीय-पशुचिकित्सा पद्धतियां, डेयरी फार्म और जैविक फार्म और आउटलेट, डेयरी फार्मिग की शुरुआत अनुदान आदि के बारे में व्यावहारिक एवं सैद्वान्तिक रुप से विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई. उन्होंने विभिन्न डेयरी फार्मिंग मॉडल, लेआउट व योजनाएं, व्यवसाय प्रबंधन, विपणन रणनीतियाँ, प्रमाणीकरण, वित्तीय सहायता के स्रोत पर जानकारी दी.

विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रमुख व्याख्यान

प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विषयों पर संबंधित विशेषज्ञों द्वारा सत्र आयोजित किए गए: डॉ. विक्रम, असिस्टेंट प्रोफेसर एनिमल जेनेटिक्स और ब्रीडिंग, कॉलेज ऑफ़ वेटरिनरी साइंसेस, रामपुरा फुल, ने गाय और भैंस की विभिन्न नस्लों, उनकी पहचान और क्षेत्र और जलवायु के अनुसार उनकी अनुकूलता के बारे में बताया. . डॉ. समर पाल सिंह (सस्य विज्ञान विशेषज्ञ) ने जैविक एकीकृत कृषि प्रणाली के प्रमुख घटकों तथा विभिन्न हरे चारे की उपलब्धता के बारे में बताया और किसान पूरे साल चारा कैसे उगा सकते हैं,पर व्याख्यान दिया. कैलाश, विशेषज्ञ (कृषि प्रसार) ने विभिन्न मार्केटिंग रणनीतियों, विभिन्न सरकारी योजनाओं और सब्सिडियों के बारे में बताया  और प्रमाणीकरण, वित्तीय सहायता के स्रोत पर जानकारी दी.

भ्रमण, अभ्यास एवं प्रस्तुति

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को नजदीकी डेयरी फार्म का भ्रमण कराया गया, जिससे उन्होंने व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया. इसके अतिरिक्त, समूहों में बाँटकर डेयरी फार्मिंग और उपचार के लिए स्वदेशी तरीका , जिससे नवाचार, कार्य योजना और सामूहिक अभ्यास को बल मिला. इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 30 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जिनमें दिल्ली देहात सहित, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र एवं बिहार के प्रशिक्षुकों ने सहभागिता दर्ज की.       

इस प्रशिक्षण में इस कार्यक्रम को सफल करने में डॉ ऋतू सिंह, डॉ. राकेश कुमार, बृजेश कुमार व रामसागर का सहयोग सहरानीय रहा. यह प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र के सभी तकनीकी और गैर.तकनीकी कर्मचारियों की मदद से पूरा किया गया था. अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को भविष्य में स्वरोजगार स्थापित करने हेतु मार्गदर्शन व परामर्श भी दिया गया. प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी, प्रेरणादायक एवं व्यावहारिक रूप से लाभकारी बताया.

English Summary: training on successful dairy farming entrepreneurship and value addition products KVK Delhi
Published on: 30 September 2025, 02:53 PM IST

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