16 मई 2025 को नई दिल्ली में अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (Confederation of All India Traders) द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में देशभर से आए 125 से ज्यादा व्यापार नेताओं ने एकमत से फैसला लिया कि भारत का व्यापार समुदाय अब तुर्की और अजरबैजान के साथ किसी भी तरह का व्यापार या व्यवसाय नहीं करेगा. इसमें यात्रा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों का भी बहिष्कार किया जाएगा.
व्यापारियों ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से भी अपील की कि वह इन दोनों देशों में फिल्मों की शूटिंग न करें. साथ ही यह चेतावनी दी कि अगर किसी फिल्म की शूटिंग वहां होती है, तो व्यापारी और आम जनता मिलकर उन फिल्मों का बहिष्कार करेंगे. यह भी तय किया गया कि कोई भी बड़ा कारोबारी समूह अपने उत्पादों के प्रचार के लिए इन देशों में शूटिंग नहीं करेगा.
इस सम्मेलन में 24 राज्यों के व्यापार प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता दिखाते हुए, भारत विरोधी किसी भी देश या ताकत का डटकर विरोध करने की कसम खाई. यह प्रस्ताव तुर्की और अज़रबैजान द्वारा हाल ही में पाकिस्तान को दिए गए खुले समर्थन के विरोध में पारित किया गया है, खासकर तब जब भारत गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा हालातों का सामना कर रहा है.
व्यापारी समुदाय का कहना है कि यह दोनों देशों का भारत के साथ विश्वासघात है, जबकि भारत ने संकट के समय उन्हें मानवीय और कूटनीतिक मदद दी थी — खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में. सम्मेलन में सभी ने एक मत से कहा कि ऐसे देशों को भारत से किसी भी तरह का आर्थिक या व्यापारिक फायदा नहीं मिलना चाहिए.
व्यापारियों ने भारत सरकार द्वारा तुर्की की कंपनी सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले का स्वागत किया, जो नौ बड़े भारतीय हवाई अड्डों पर काम कर रही थी. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
CAIT की कृषि शाखा के रूप में कार्यरत NAPUF (National Agripreneur Utkranti Federation) के नेशनल प्रेसिडेंट मनोज कुमार गोयल ने "कृषि जागरण" से बात करते हुए कहा, "CAIT ने दो दिन पहले नई दिल्ली से एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरुआत की है, जिसका संदेश है कि भारत और भारत का व्यापारी उन देशों के साथ कोई संबंध नहीं रखेगा जो आतंक का समर्थन करते हैं. देश के 9 करोड़ व्यापारियों को CAIT के माध्यम से यह संदेश भेजा गया है. बहुत खुशी की बात है कि देश में तुर्की और अज़रबैजान जैसे देशों के खिलाफ यह अभियान शुरू हो गया है कि हमें इन देशों से कोई व्यापारिक संबंध नहीं रखना है, न ही कोई पर्यटन से जुड़ा रिश्ता रखना है. इस अभियान की सार्थकता अब सामने आने लगी है. हम एक बहुत बड़ा उपभोक्ता बाज़ार (कंज़्यूमर मार्केट) हैं, इसलिए सभी देशों को भारत की भावनाओं का सम्मान करते हुए व्यवहार करना होगा."
बैठक में CAIT द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों में शामिल हैं:
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तुर्की और अज़रबैजानी उत्पादों का राष्ट्रव्यापी बहिष्कार.
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भारतीय व्यापारी तुर्की और अज़रबैजान से जुड़े सभी आयात और निर्यात बंद कर देंगे.
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व्यापारिक संबंधों पर पूर्ण रोक - भारतीय निर्यातकों, आयातकों और व्यापार प्रतिनिधिमंडलों को इन दोनों देशों की कंपनियों या संस्थानों के साथ किसी भी तरह की व्यावसायिक साझेदारी करने से रोक दिया जाएगा.
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यात्रा और पर्यटन का बहिष्कार - ट्रैवल एजेंसियों और इवेंट प्लानर्स से आग्रह किया जाएगा कि वे तुर्की या अज़रबैजान को पर्यटन या व्यावसायिक गंतव्य के रूप में बढ़ावा न दें.
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भारत सरकार से अपील - वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें इन देशों के साथ सभी व्यापारिक संबंधों की नीति-स्तरीय समीक्षा का अनुरोध किया जाएगा.