तंबाकू एक प्रकार के निकोटियाना प्रजाति के पेड़ के पत्तों को सुखाकर नशा करने की वस्तु बनाई जाती है. यह एक धीमा जहर के समान है. हौले-हौले यह आदमी की जान लेता है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि तंबाकू के सेवन से जीवनी शक्ति का भी ह्रास होता है. व्यक्ति को पता चल जाता है कि तंबाकू का सेवन हानिकारक है किंतु बाद में लाख छोडने की कोशिश करने के बाद भी यह लत छूटती नहीं. इसलिए धीरे-धीरे जीवनी शक्ति कम होती जाती है और वह अपने आपको एक तरह से विनाश के हवाले भी कर देता है. केंद्र सरकार इन्हीं सभी बिन्दुओं के मद्देनज़र केंद्र सरकार देश में तंबाकू सेवन की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने और इससे संबंधित नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना राशि बढ़ाने पर विचार कर रही है.
दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के प्रावधानों को कड़ा करने पर विचार कर रहा है. सरकार की कोशिश सीओटीपीए के प्रावधानों को मजबूत करके युवाओं को तंबाकू के दुष्प्रभावों से दूर रखने की है. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर लोग धूम्रपान करना अपनी युवा अवस्था में ही शुरू करते हैं, खासकर तब जब वे स्कूल या कॉलेज में होते हैं. अधिकारी ने आगे कहा कि 18 से 21 साल की उम्र के युवा जल्दी प्रभाव में आते हैं और ज्यादातर अपने साथियों के दबाव में या फैशन के कारण सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं. यही युवा तंबाकू उद्योग का आसान लक्ष्य होते हैं.
उन्होंने बताया कि निगरानी तंत्र के तहत विनिर्माण इकाई में तंबाकू उत्पादों पर एक बार कोड लगाया जाएगा, जिससे प्रवर्तन एजेंसियों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि उत्पाद कानूनी है और इस पर उचित कर या टैक्स दिया गया है या नहीं.
धूम्रपान पर जुर्माना राशि बढ़ाने पर विचार
मंत्रालय प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी धूम्रपान करते पाए जाने पर लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है. यह अर्थदंड अभी 200 रुपए तक है. बता दें कि सीओटीपीए के तहत सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीना, शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने और 18 साल से कम आयु के शख्स को तंबाकू उत्पाद बेचने की मनाही है.