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Updated on: 21 March, 2020 11:38 AM IST

इस माह में बेमौसम आंधी–पानी और ओलावृष्टि से फसलों ( दलहनी, तेलहनी, गेहूं के अलावा सब्जी) को काफी नुकसान पहुंचा है . दलहन और तिलहन की फसल को ऐसे समय में नुकसान पहुंचा जब किसान फसल को कटाने वाला था या यूँ कहें की किसान फसल बुवाई से कटाई तक लगने वाली पूंजी खर्च हो चुकी है. मतलब किसान फसल से लागत भी नहीं निकाल सकता. किसान की इसी नुकसान की भरपाई को पूरा करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है उन्हें जल्द ही सर्वे कराकर इस नुकसान की बीमा राशि दी जाएगी.
उतर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया है की वह 15 दिनों में सर्वे का काम पूरा करके फसल नुकसानी की बीमा राशि किसानो को दें.

कृषि मंत्री विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में कृषि विभाग के अधिकारीयों एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को क्षतिपूर्ति के भुगतान की समीक्षा की . कृषि मंत्री ने बीमा कंपनियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कंपनी का टोल फ्री नंबर के क्रियाशील नहीं है. इसके साथ मंत्री ने कहा कि टोल फ्री नंबर पर कम्पलेंट दर्ज करने के अलावा आवेदन ऑफलाइन भी प्राप्त करें. इसके साथ उन किसानों का भी सर्वे किया जाए जिन्होंने फसल बीमा नहीं करवाया है जिसे उनके भी फसल नुकसान का आकलन किया जा सके. उन्होंने पाया कि नेशनल इंश्योरेंस, दि ओरियन्टल इंश्योरेन्स एवं युनिवर्सल सोमपो इंश्योरेन्स कंपनियों द्वारा खरीफ 2019 की क्षतिपूर्ति का भुगतान अभी तक सुनिश्चित नहीं किया गया है . उन्होंने बीमा कंपनियों को निर्देश दिये कि 25 मार्च तक ब्याज सहित किसानों की क्षतिपूर्ति का भुगतान सुनिश्चित करें अन्यथा कंपनियों के विरुद्ध कठोर करवाई करते हुए उन्हें काली सूचि में डाल दिया जायेगा .

 

English Summary: Till this date, farmers will get the claim of crop loss
Published on: 21 March 2020, 11:50 AM IST

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