Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 September, 2020 12:42 PM IST

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज कृषि, मत्स्य व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर द्वारा किसानों के लाभ के लिए पिछले दिनों एक योजना की शुरुआत किया गया. योजना के राज्य के जलाशयों में मछली के बीज डालने की योजना को शुरू किया गया. इस योजना की शुरुआत लगभग 17 लाख रूपये लागत का सिल्वर कार्प मछली का 6 लाख 64 हजार 118 बीज कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के अंदरौली में गोबिंदसागर झील में डालकर किया गया. वहीं मंत्री ने बीज डालते हुए कहा कि आगे अन्य क्षेत्रों में भी मछली का बीज डाला जाएगा जिसमें चमेरा डैम, पौंगडैम, रंजीत सागर सहित अन्य जलाशयों के नाम शामिल हैं.

मंत्री ने कहा कि देश के लगभग सभी राज्यों में मछली पालन को बढ़ावा दिया जाने का काम किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश के जलाश्यों में भी मछली के बीज डालने के कार्य को स्वीकृति मिली है जिसकी लागत एक करोड़ पांच लाख रुपए है. वहीं इसकी शुरुआत ऊना जिले से किया गया है. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मछुआरों को लाभ दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना आरंभ किया गया है. उन्होंने आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें मछली पालन के लिए भी राशि निर्धारित किया गया है जो लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का है.

वीरेंन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में मत्स्य विभाग के द्वारा लगभग 15 हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया जाता है. हिमाचल प्रदेश में कार्य कर रहे 58 मत्स्य सहकारी सभाओं के बारे में भी उन्होंने जानकारी दिया. उन्होंने कहा कि इनमें से 34 सहकारी सभाओं द्वारा गोबिंदसागर झील में मछली पकड़ने का कार्य किया जाता है और इससे लगभग 2500 परिवारों को स्वरोज़गार मुहैया हो रहा है और वो इस कार्य से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि मछली की अन्य किस्मों जैसे कतला, रोहू, मृगल इत्यादि अन्य मछलियों के बीज भी जलाश्यों में डाले जाएंगे.

हिमाचल प्रदेश में मछली पालन अब बड़े पैमाने पर किसानों के द्वारा किया जाने लगा है. पिछले कुछ वर्षों में राज्य में मछली पालन से जुड़े परिवारों की आय में भी वृद्धि देखी गयी है. वर्तमान समय की अगर बात करें तो प्रदेश में लगभग 10893 परिवार मत्स्य पालन से जुड़े हुए हैं. प्रदेश में नदियों की लंबाई लगभग 3000 किमी की है. राज्य में मछलियों को बाजार तक पहुंचाने के ले मोबाइल वैन का भी उपयोग किया जाता है.

English Summary: This state will add fish seeds of worth rs.1 crore 5 lakh to their reservoirs
Published on: 08 September 2020, 12:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now