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Updated on: 23 August, 2022 2:02 PM IST
nitrogen plant

पौधे के पोषण के लिए जरूरी है कि उन्हें वक्त पर खाद मिलती रहे. लेकिन बहुत से किसान पैसों के अभाव के कारण खाद खरीदने के लिए सामार्थ नहीं होते हैं और कुछ किसान अपने खेतों में रसायनिक खाद का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं. 

ऐसे में आज हम किसानों को एक ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे उगाने से फसलों को खेतों में खाद डालने का आवश्यकता नहीं होगी. इस खास पौधे का वैज्ञानिक नाम है सेस्बेनिया, आम बोल चाल की भाषा में इसे धाइन्चा या ढैंचा के नाम से भी जाना जाता है. इंदौर के किसान जितेंद्र पाटीदार ने इसे अपनी मुख्य फसल के साथ लगाना शुरू किया. जिसके बाद उन्हें बेहतरीन परिणाम मिलने शुरू हुए. इसके साथ ही उन्हें इस तकनीक से लाखों की कमाई हुई.

किसान को मिला सम्मान

सेस्बेनिया पौधे का सफल प्रयोग करने के बाद जितेंद्र पाटीदार को अपनी फसल में बेहतरीन नतीजे देखने को मिले. जिसके चलते सिमरोल, इंदौर के रहने वाले जितेंद्र पाटीदार को स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सम्मानित किया. उन्होंने सबसे पहले इसका प्रयोग हल्दी के खेती के साथ किया. 

नतीजन उन्हें हल्दी का बंपर उत्पादन देखना को मिला जितनी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी. उनका कहना था कि नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने खेत में सेस्बेनिया के पौधे लगाए.

सेस्बेनिया के पौधे में मिलता है नाइट्रोजन

जहां आम तौर पर देखा जाता है कि यूरिया की खाद में केवल 45 फीसदी ही नाइट्रोजन की मात्रा होती है तो वहीं दूसरी तरफ सेस्बेनिया के पौधे से फसल को पूरी मात्रा में नाइट्रोजन मिलता है और प्राकृतिक होने के साथ ही यह जमीन को भी सुरक्षित रखता है.

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क्योंकि यह पूरी तरह से आर्गेनिक है. आमतौर पर किसान खरपतवार समझ कर इसे खेत से उखाड़ फेंकते हैं. इसको केवल अपनी फसल के साथ उगा लें जिसके बाद आपकी फसल में नाइट्रोजन की कमी खत्म हो जाएगी.

English Summary: This Sesbania plant will deliver nitrogen to the roots of the crop
Published on: 23 August 2022, 02:09 PM IST

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