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Updated on: 25 April, 2023 5:05 PM IST
snow energy in himachal pradesh

हिमाचल प्रदेश सोलर ऊर्जा के लिए अग्रणी राज्यों में से एक है  और सरकार ने इसके विकास के लिए कई पहल शुरू की हैं. जिसमे हिम ऊर्जा के 250 मेगावाट से 5 मेघावाट के प्रोजेक्ट से जहां एक तरफ बिजली की समस्या दूर हो सकती है तो वहीं बेरोजगार युवाओं के लिए एक रोजगार का बेहतरीन विकल्प भी है. यहां हिम ऊर्जा के सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी है:

हिम ऊर्जा का रूफ टॉप पावर प्लांट पर सरकार देगी 40 फीसदी अनुदान  

हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक विशेष योजना शुरू की है जिसका नाम "सौर उत्पादक एवं अधिगम परियोजना" है. इस योजना के तहत, निजी और सरकारी संस्थानों के रूफ टॉप पर सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत, सरकारी संस्थानों को 70% और निजी संस्थानों को 30% अनुदान प्रदान किया जाता है. इसके आलावा इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपने घर की छत पर 1 से 3 किलोवाट का पॉवर प्लांट लगवा सकता है. इसके लिए हिमाचल सरकार भी 40 फीसदी तक का अनुदान देती है. इसके साथ ही, योजना के अंतर्गत स्थापित सोलर प्लांट की ऊर्जा उत्पादन भी उस संस्था के लिए निःशुल्क होता है, जिसमें वह स्थापित होता है.

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि हिमाचल प्रदेश के संस्थानों द्वारा उत्पन्न बिजली का खर्च घटाया जा सके और वे स्वतंत्र ऊर्जा के स्रोत का उपयोग करके अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकें. यह योजना हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ा कदम है जो स्वतंत्रता से बिजली उत्पादन करने में मदद करेगा.

किसान अपनी जमीन पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगा कमा सकते हैं मुनाफा

इतना ही नहीं हिमाचल में हिम ऊर्जा का 250 से 5 मेघावाट का जमीन पर पॉवर प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. जिसमे 250 से 1 मेघावाट के प्रोजेक्ट के लिए कोई भी हिमाचली युवा इस प्रोजेक्ट को लगवा सकता है और सरकार को बिजली बेच कर अच्छी कमाई कर सकता है. इसके आलावा गैर हिमाचली भी 1 से 5 मेघावाट तक का हिम ऊर्जा का प्रोजेक्ट लगवा सकता है. बशर्ते हिमाचल में उसकी अपनी जमीन हो या लीज पर ली गई हो. इस प्रोजेक्ट में 1 मेघावाट तक का पॉवर प्लांट लगवानें के लिए कम से कम 1 करोड़ रुपये की लागत की जरूरत होगी.

हिम ऊर्जा के कुल प्रोजेक्ट

हिमाचल प्रदेश में कुल 330 MW की सोलर पॉवर प्रोजेक्ट शुरू की गई है. इनमें से 10 MW की स्थापना सोलन जिले में, 100 MW की स्थापना ऊना जिले में, और 210 MW की स्थापना कांगड़ा जिले में की गई हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपने अनुमति पत्र वापस लेने के बाद कुछ प्रोजेक्ट के लिए अधिकृत ठहराया है. अन्य प्रोजेक्ट भी शुरू होने वाले हैं.

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हिमाचल में सोलर ऊर्जा से लाभ

सोलर पॉवर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए बेहतरीन साबित हो रहा है जिससे यहां की जनता और सरकार को काफी फायदा भी पहुंच रहा है. इससे रोजगार के विकल्प पनप रहे हैं. साथ ही बिजली की  आपूर्ति में वृद्धि हो रही है. इसके कारण राज्य में निवेश भी बढ़ रहा है. सोलर ऊर्जा से सड़कों और गलियों में बिजली के तारों के जाल से मुक्ति मिलती है. वहीं सबसे मुख्य और अहम बात यह है कि सोलर ऊर्जा से जल और जलवायु संरक्षण में मदद मिलती है. साथ ही लोगों की जीवन शैली में सुधार भी होता है.

कितना हो जाता है खर्च? अनुमानित आंकड़ा!

सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए कुल निवेश की गणना करना कठिन है. परन्तु जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश हिमऊर्जा के प्रोजेक्ट मैनेजर विनीत सूद ने बताया कि प्रोजक्ट लागत उसके आकार पर निर्भर करता है, जितना प्रोजेक्ट का आकार होगा और इसकी क्षमता होगी उतना ही लागत खर्च आयेगा. उन्होंने बताया कि 1 MW  सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए कुल निवेश लगभग 1 करोड़ रुपये हो सकता है. जिसके आधार पर MW का आकार बढ़ता है तो लागत भी बढ़ जाती है.

English Summary: This scheme of snow energy will change the fate of the youth of Himachal
Published on: 25 April 2023, 05:15 PM IST

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